अविभाजित भारत की पहली महिला दंत चिकित्सक डॉ विमला सूद का लगभग 100 वर्ष की आयु में 01 अगस्त 2021 को निधन हो गया। डॉ पुनीत गिरधर, ज्वाइंट डायरैक्टर, मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान, पंजाब, मैंबर डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया और रजिस्ट्रार, पंजाब डेंटल काउंसिल, मोहाली ने मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान विभाग, पंजाब की ओर से श्रद्धांजलि भेंट की और बताया कि डॉ विमला सूद पंजाब डेंटल काउंसिल के साथ सबसे सीनीयर रजिस्ट्रड दांतों की चिकित्सक थी। उनका जीवन और कार्य सभी प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों और नवोदित दंत चिकित्सकों, विशेष रूप से देश की महिला दंत चिकित्सकों के लिए एक प्रेरणा रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसे व्यक्ति का एक बड़ा और अपूर्णीय नुकसान है जिसे पेशे की अद्वितीय समझ थी। उन्होंने आगे कहा कि उनके निधन से ऐसी शून्यता पैदा हो गई जिसे कभी भरा नहीं जा सकता।
इस अवसर पर राज्य के कई प्रमुख दंत चिकित्सक पवित्र आत्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित थे। उनका पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। वह हमेशा खुशमिजाज शख्सियत थीं। उनका संगीत में बहुत लगाव था और एक प्रकृति प्रेमी थीं। उन्हें हमेशा याद और स्मरण किया जाएगा।
डॉ सचिन देव मेहता, सचिव आईडीए पंजाब स्टेट एंड मैंबर डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, ने बताया कि डॉ विमला सूद का जन्म 1922 में हुआ था और उन्होंने 1944 में डी मोंटमोरेंसी कॉलेज ऑफ डेंटिस्ट्री, लाहौर से ग्रेजुएशन की थी, जिसे अब पंजाब डेंटल कॉलेज, लाहौर के नाम से जाना जाता है। वह डॉक्टरों के परिवार से थीं, जिन्होंने उन्हें दंत चिकित्सा में जाने के लिए प्रोत्साहित किया, भले ही वह लाहौर में 30 छात्रों के अपने बैच में एकमात्र महिला थीं। वह अपनी इंटर्नशिप के लिए अमेरिका चली गईं और बाद में 1955 में मिनेसोटा विश्वविद्यालय से पीडीआट्रिक दंत चिकित्सा में मास्टर डिग्री पूरी की। विभाजन के बाद डॉ विमला सूद चंडीगढ़ चली गईं। उन्होंने वेलिंगडन अस्पताल (अब राम मनोहर लोहिया) में काम किया, जहां वह मोबाइल वैन में गांवों का दौरा करती थीं। बाद में उन्होंने जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी में काम किया।
डॉ. तरुण कालरा, प्रिंसिपल, भोजिया डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, बद्दी (हिमाचल प्रदेश) और आईडीए पंजाब के राज्य के प्रतिनिधि ने दंत चिकित्सा में दिग्गज को अंतिम सम्मान देते हुए कहा 8 मार्च 2020 को चंडीगढ़ में हुये अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कि महिला डेंटर काउंसिल में हुये समारोह में इंडियन डेंटल एसोसिएशन द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि वह बिल्कुल स्वस्थ थीं और जीवन के प्रति उनकी सोच बहुत सकारात्मक थी। उन्होंने 10 दिन पहले उनसे अपना इलाज करवाया था और अभी भी आधुनिक दंत चिकित्सा में हाल के विकास के बारे में उनकी बहुत उत्सुकता थी।
पंजाब डेंटल कॉलेज, लाहौर (1935 में स्थापित) जहां से डॉ विमला सूद ने ग्रेजुएशन की थी, का हिस्सा पंजाब गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज, अमृतसर (1952 में स्थापित) के फैकल्टी डॉ नितिन वर्मा ने कॉलेज के प्रिंसिपल, स्टाफ और विद्यार्थियों की ओर से दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देने के उपस्थित थे।
डॉ नवजोत खुराना, जो पंजाब गर्वनमेंट डेंटल कॉलेज, अमृतसर के पूर्व छात्र हैं, ने सरकारी डेंटल कॉलेज, पटियाला के प्रिंसिपल, स्टाफ और विद्यार्थियों की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।