पंजाब कांग्रेस का ‘कैप्टन’ बनने के बाद से नवजोत सिंह सिद्धू एक्शन में आ गये हैं। मंगलवार को पंजाब कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष बने सिद्धू ने पार्टी के मंत्रियों और विधायकों के साथ एक बैठक की। बताया जा रहा है कि इस बैठक में दलितों को लुभाने पर रणनीति बनाई गई। इस बैठक में पंजाब कांग्रेस में दलित ईकाई के नेता भी मौजूद थे। यह बैठक चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस भवन में करीब 3-4 घंटे तक चली है। इस बैठक में पंजाब कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के अलावा कई विधायक भी मौजूद थे।
पंजाब कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में दलितों को लेकर खास रणनीति बनाई गई। दलितों के कल्याण को लेकर योजना बनाने और उसे अमलीजामा पहनाने पर चर्चा की गई। इसमें राज्य में दलितों की सभी मांगों को लेकर चर्चा हुई और इस समुदाय के लोगों को लुभाने पर रणनीति बनी। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी द्वारा दलितों के उत्थान को लेकर पूर्व में बनाए गए 18 सूत्री एजेंडे को जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दिया।
इस बैठक में नवशहर जिले के हर ब्लॉक के पार्टी कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे। बैठक में नवांशहर जिले के कार्यकारी अध्यक्ष संगत सिंह गिलजियान, कुलजीत सिंह नागरा, विधायक अंगद सैनी, एमएलए दर्शनलाल मंगूपुर और स्थानीय नेता भी शामिल हुए। पिछले सप्ताह सिद्धू ने कहा था कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें अठारह सूत्रीय एजेंडे को जल्द से जल्द राज्य में लागू करवाने के लिए कहा है। इससे पहले पंजाब की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से आने वाले प्रदेश स्तर के नेताओं के साथ शुक्रवार को बैठक की थी। इस दौरान दो घंटे चली बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई थी।
आपको बता दें कि पंजाब कांग्रेस में कई दिनों तक नवजोत सिंह सिद्धू और राज्य के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चली रार के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया था। कहा जा रहा था कि आलाकमान के इस फैसले से पंजाब कांग्रेस में अंदरुनी कलह बढ़ेगी लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद अमरिंदर सिंह और सिद्धू की मुलाकात हुई जिसके बाद यह कहा जाने लगा कि पंजाब कांग्रेस में चल रहा घमासान फिलहाल थम गया है।