पंजाब में बिल्डर्स और प्रमोटर्स की ओर से लोगों से लाखों रुपये लेकर प्लॉटों या फ्लैटों में सुविधाएं नहीं देने के मामले सरकार ने जांच करवाने का फैसला किया है। आप को बता दें कि मोहाली जिले में जीरकपुर, खरड़ और न्यू चंडीगढ़ में बिल्डरों और प्रमोटर्स की ओर से लोगों से लाखों रुपये लेकर प्लॉटों या फ्लैटों में सुविधाएं नहीं की शिकायते मिल रही हैं।
इस मामले को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गंभीरता से समझ कर फैसला लिया है। उन्होंने हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट विभाग के प्रिंसिपल सचिव को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है। जिसकी पहली रिपोर्ट दो सप्ताह में फाइल करने का आदेश भी दिया है।
अमर उजाला की रिपोर्ट मुताविक इस मामले को लेकर सांसद मनीष तिवारी मोहाली और खरड़ हलके में काफी सक्रिय हो गए थे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न एरिया में जाकर लोगों की परेशानियों को सुना।
इस दौरान कर्द नामी सोसायटीज के लोगों का कहना था कि उन्होंने अपनी पूरी मेहनत की जमा पूंजी अपने घर बनाने में लगा दी। बिल्डरों की ओर से उनके साथ कई वायदे किए गए। लेकिन बाद में उनके साथ धोखा ही हुआ है।
लाखों रुपये खर्चकर लोगों को सडक़ों पर धरने देने पड़ रहे हैं। इसके बाद सांसद ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इसके बाद जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा है कि रियल एस्टेट डेवलपरों की ओर से मोहाली, खरड़, कुराली और न्यू चंडीगढ़ में प्लाटों और फ्लैटों की बिक्री के दौरान लोगों से किए गए वायदे न पूरे करके उनकी जिंदगी भर की मेहनत की कमाई को नुकसान पहुंचाया है। जो कि बहुत ही गंभीर मामला है। जिसकी जांच उन्होंने हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट विभाग के प्रिंसिपल सचिव को सौंपी है। दो सप्ताह में इसकी एक रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश दिया है।
बिल्डर्स और प्रमोटर्स ने मोहाली शहर के चारों तरफ बिना अनुमति के और नियमों को तोडक़र कॉलोनियां काटी जा रही हैं। इनमें झांमपुर, बहलोलपुर, झंजेड़ी, दाऊं और जंडपुर के पास स्थित एरिया शामिल है। पिछले समय में गमाडा की ओर से कई कॉलोनियां काटी गई थी, लेकिन समस्या पहले की तरह ही बनी हुई है।