पंचकूला जिले में पिछले दिनों स्टाफ नर्स पर जानलेवा हमला होने के बाद शहर में ऑटो के सफर पर वर्किंग लेडीज और कॉलेज गोइंग गर्ल्स ने ही सवालिया निशान उठने शुरू हो कर दिए हैं।
बताते चलें कि पंचकूला में पिछले दिनों माजरी चौक आते वक्त स्टाफ नर्स से ऑटों में ही लुटपाट की नियत से हमला हआ था। पहले भी ऑटो में सवार लेडीज और गर्ल्स से ऐसी बदतमीजी और लूट पाट की वारदातें हो चुकी हैं।
पंचकूला समाचार ने यहां एक सर्वे कर माना है कि सच में ही ऑटो का सफर सेफ नहीं है। खासतौर पर रात को सफर करना किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं है।
क्यों सेफ नहीं है ऑटो में सफर जानें वज़ह
पंचकूला सिटी में तकरबीन 4000 ऑटो का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जबकि चलने वाले ऑटो की संख्या कहीं अधिक है। बाकी ऑटो कैसे चल रहें है ?
पंचकूला से जीरकपुर, चंडीगढ़ और कालका-पिंजौर की तरफ जाने वाले ऑटो ओवरलोड चलाए जाते हैं। जो गाइड लाइन को भी नहीं मानते। लेकिन रोकने वाला कोई नहीं है।
डीजल और पेट्रोल वाले ऑटो अभी भी धडल्ले से दौड़ रहे हैं। इससे साउंड और एयर पॉल्यूशन फैल रहा है। इसके बाद भी अभी तक पुराने ऑटो चलाने पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
ट्राइसिटी में बिना मीटर कैसे चल रहें ऑटो। इसकी भी जांच की जानी चाहिए।
ऑटो वालों की हो वेरिफिकेशन
पंचकूला सिटी में चलने वाले ऑटो चालकों की वेरिफिकेशन नहीं हो रही है। पुलिस की तरफ से वेरिफिकेशन कर उन्हें सर्टिफिकेट इश्यू किया जाना चाहिए। पंचकूला रोड एंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) की तरफ से नियमित चेकिंग की जानी चाहिए।
पंचकूला सिटी में पुलिस गश्त बढें
रात के समय घग्गर पार क्षेत्र के सेक्टरों में पुलिस की गश्त बढ़ाई जानी चाहिए। वहां पर पुलिस की तरफ से सभी वाहनों को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखना चाहिए।
ऑटो का सफर करने से पहले हों जागरूक
हेल्पलाइन नंबर की जानकारी जरूर होनी चाहिए। अगर लेडीज हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करेंगी तो लोकेशन ट्रेस कर पुलिस इस तरह की दुर्घटना को अंजाम देने वालों को गिरफ्तार कर पाएगी। दुर्गा शक्ति, डायल 112 और 100 सहित अन्य हेल्पलाइन का ज्ञान सभी को होना चाहिए।