पंजाब में पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन, पंजाब रोडवेज और पनबस के कॉन्ट्रैक्ट और आउटसोर्स इम्पॉलाइज़ आज से हड़ताल पर चले गए है। इम्पॉलाइज़ का कहना है कि सरकार ने 2017 में उनकी सर्विसस को रैगुलर करने के लिए एक पॉलिसी लाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक वादा पूरा नहीं हुआ है। जिसे लेकर रविवार की रात 12 बजे से सभी बसों को रोक दिया गया है।
पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग के पास पीआरटीसी की करीब 1100, पंजाब रोडवेज की 450 और पनबस की करीब 1200 बसें हैं। इनमें गिनती के ही सरकारी कर्मचारी हैं। बाकी सभी कॉन्ट्रैक्ट पर ड्राइवर व कंडक्टर रखे गए हैं। पनबस व पीआरटीसी की ज्यादातर बसें कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों से चलवाई जा रही हैं। पंजाब में रोडवेज के 18 व पीआरटीसी के 9 डिपो के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो चुके हैं। कर्मचारियों ने ऐलान कर दिया है कि आज की हड़ताल के बाद कल वो सिसवां फार्म हाउस जाकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का घेराव करेंगे।
वहीं पंजाब के ट्रांसपोर्ट विभाग ने दावा किया है कि इस हड़ताल से लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकार ने डिप्टी कमिश्नर्स को भेजी एक चिट्ठी में कहा है कि बस डिपों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। जानकारी के मुताबिक पटियाला, संगरूर, बरनाला, लुधियाना, कपूरथला, मानसा, मोहाली, बठिंडा और फरीदकोट के कमिश्नर्स को चिट्ठी लिखी गई है।
कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रधान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि सरकार को कच्चे कर्मचारी जल्दी पक्के करने होंगे। इसके अलावा छिटपुट केसों में बर्खास्त किए कर्मचारियों को बहाल करना होगा।
वह लगातार मांग कर रहे हैं कि पंजाब सरकार 10 हजार बसों का नया फ्लीट लाए, ताकि महिलाओं को मुफ्त सफर समेत पूरे राज्य में लोगों को आसानी से बस सुविधा मिले। सरकारी बसें न होने से प्राइवेट बसें बढ़ रही हैं। सरकार नई बसें न लाकर खुद ही इन्हें बढ़ावा दे रही है। जब तक मांगें नहीं मानी जाती, हड़ताल जारी रहेगी।