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#AirShow: राफेल ने बिखेरे जलवे तो सूर्यकिरण नहीं कर पाया परफॉर्म

चंडीगढ़ में बुधवार को एयर फाॅर्स द्वारा एयर शो का आयोजन किया गया। जिसे देखने के लिए सुखना लेक पर मानो पूरा शहर ही उमड़ पड़ा। सैंकड़ों की तादाद में लोग एयर शो देखने पहुंचे। जहा एक तरफ देश के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल ने माहौल रोमांच से भर दिया वही दूसरी और सूर्यकिरण की परफॉर्मेंस ना होने से लोग मायूस भी नज़र आये।

एयर शो की शुरुआत 2 विमानों के करतब से हुई। दोनों विमान आसमान में एक साथ कलाबाजियां करते दिखे। लड़ाकू विमानों को काफी करीब से देखकर लोग रोमांचित हो उठे। इसके बाद राफेल की गड़गड़ाहट ने लोगों में जोश भर दिया। इस दौरान आसमान में गूंजती आवाजों को सुनकर लोग सहम गए। घरों, कार्यालयों और सड़कों से गुजर रहे लोग भी आसमान की तरफ देखने लगे। आसमान में बादलों को चीरते हुए लड़ाकू विमानों की आवाजें इस कदर लोगों के कानों में गूंजने लगी कि जैसे कोई युद्ध शुरू हो गया हो।

आज होगी सूर्यकिरण की परफॉरमेंस

एयर शो की मैनेजमेंट देख रहे ग्रुप कैप्टन परमजीत सिंह लांबा ने बताया कि आदमपुर से सूर्यकिरण एयरोबैटिक्स टीम हॉक विमान उड़ान भर चुके थे लेकिन चंडीगढ़ में सुखना के ऊपर बादल लो लेवल पर थे इसीलिए सूर्य किरण हॉक विमानों के करतब नहीं दिखाए जा सके। वीरवार को शाम 4:00 बजे 25 मिनट के लिए सूर्य किरण हॉक विमान अपने करतब दिखाएंगे इसमें 9 एयरक्राफ्ट एक साथ अप्लाई करेंगे। वीरवार को इस दौरान कोई वीआईपी मूवमेंट नहीं होगी।

चिनूक की परफॉर्मेंस ने जीता लोगो का दिल

जब चिनूक हेलिकाप्टर पूरी स्पीड के साथ लेक की पानी के करीब पहुंचा तो लोगों ने तालियां बजाकर उसका स्वागत किया। चिनूक ने कई हैरतअंगेज करतब दिखाए। चिनूक कई सामानों को ले जाता हुआ नजर आया। इसके अलावा रिवर्स टेकऑफ, साइट मूविंग, रिवर्स फ्लाइंग जैसे कई करतब दिखाकर चिनूक ने सभी को हैरान किया। एक समय तो चिनूक सुखना लेक के पानी से महज कुछ ही मीटर की ऊंचाई पर आकर उड़ने लगा और उसमें से बाहर आकर एक वायु सैनिक ने हाथ हिलाया। ये देखकर लोगों की सांसें थम गईं, लेकिन लोगों ने भी हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। पूरा सुखना लेक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

बता दें कि एयरफोर्स की तरफ से 1971 के भारत-पाक युद्ध के स्वर्णिम विजय दिवस पर इस एयर शो का आयोजन किया गया था। इसी साल एयरफोर्स स्टेशन चंडीगढ़ भी अपनी स्थापना की गोल्डन जुबली मना रहा था। एयरफोर्स चंडीगढ़ की स्थापना वर्ष 1961 में हुई थी। इसलिए यह एयर शो कई मायनों में खास था।