आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने करोड़ों रुपये के नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा गठित नए पैनल को पूरी तरह से जनता को गुमराह करने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा ड्रग्स की तस्करी मामले में बदनाम बड़ी मछलियों को बचाने के लिए रंधवा कैप्टन अमरिंदर सिंह के नक्शे कदम पर चल रहे हैं तांकि मामले को 2022 के चुनाव तक टाला जा सके।
रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में मान ने चन्नी सरकार से पूछा कि पंजाब के युवाओं को तबाह करने वाले ड्रग माफियाओं को पकड़ने और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए और कितनी जांच टीमें बनानी होंगी? सरकार की ऐसी चतुर चालाक निति को पंजाब की जनता भली भांति समझती है। मुख्यमंत्री चन्नी और गृह मंत्री रंधावा बार-बार जांच पैनल या टीम बनाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
भगवंत मान ने एक तीर से कई निशाने लगते हुए कहा, “चन्नी साहब, अगर आप वास्तव में कमजोर मुख्यमंत्री नहीं हैं, तो आप बदनाम और बड़े ड्रग तस्करों से छुटकारा पाने कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे बहाने और टाल मटोल क्यों कर रहे हो?” गृह मंत्री सुक्खी रंधावा भी बताएं कि क्या मजबूरी है कि वह (रंधावा) भी कैप्टन की राह पर चलने लगे? क्या कोई सेटिंग है या पैर वजन नहीं उठा रहे हैं? सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सिद्धू साहिब (नवजोत सिंह सिद्धू) को भी यह बताना चाहिए कि उनके भूख हड़ताल पर जाने की असली वजह क्या थी? पंजाब के लोग बड़ी शिद्द्त से जानना चाहती है क्योंकि मामला पंजाब की युवा पीढ़ी से जुड़ा है। नशीले पदार्थों के लालच ने हजारों युवक-युवतियों, भाई-बहनों, माँ बहनो और पति पत्नियों हमेशा के लिए छीन लिया है।”
भगवंत मान ने भी श्री सुखबीर सिंह बादल को घेर लिया और पूछा, “ऐतिहासिक मोर्चों की सुनहरी और समझदार पृष्ठभूमि वाले शिरोमणि अकाली दल के बैनर तले, वह (बादल परिवार) इन दिनों क्या लेकर आए हैं? क्या वह (बादल परिवार) अब अपने कलंकित रिश्तेदारों को बचाने के लिए शिरोमणि अकाली दल के नाम से ‘मोर्चा’ शुरू करेंगे? अगर ऐसा है तो बादल एंड कंपनी को शिरोमणि अकाली दल के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
भगवंत मान ने कहा कि बादल परिवार को वास्तविकता का सामना करने से नहीं भागना चाहिए। मान के मुताबिक एक तरफ सुखबीर सिंह बादल कह रहे हैं कि उनके एक करीबी को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है, तो दूसरी तरफ वह कह रहे हैं कि उन्हें डर नहीं है। अगर मामला झूठा है और वे (बादल) भयभीत नहीं हैं तो हंगामा करने की बजाय हकीकत का सामना क्यों नहीं कर रहे हैं।
बादल को संबोधित करते हुए मान ने कहा, ‘अदालतों को मामले की सच्चाई साबित करनी होगी। बादल परिवार को अदालत में मुकदमों का सामना करना चाहिए।
भगवंत मान ने चन्नी सरकार से कहा कि वह एसटीएफ सीलबंद लिफाफा जांच रिपोर्ट की आड़ में और समय बर्बाद न करे क्योंकि नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में आगे की जांच के लिए किसी भी अदालत ने पंजाब सरकार से हाथ नहीं मिलाया है। दूसरा, गृह विभाग के पास एसटीएफ द्वारा अदालत को सौंपे गए सीलबंद लिफाफे की रिपोर्ट की एक आधिकारिक प्रति है, जिसे गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा कभी भी देख सकते हैं, बेशक सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है, लेकिन तुरंत ड्रग तस्करों और उनके संरक्षकों के नाम की रिपोर्ट पर कार्रवाई भी कर सकते हैं । लेकिन इस दिशा में आगे बढ़ने की बजाय चन्नी सरकार या गृह मंत्री रंधावा कैप्टन की ”फाँसी केस, दोषियों को बचाओ” की नीति पर चल रही है, जिसका पर्दाफाश हो गया है.