- 72 घंटों के लिए अंधेरे में जा सकता है चंडीगढ़?
चंडीगढ़ में आज पावर मैन यूनियन द्वारा सेक्टर 17 परेड ग्राउंड के सामने किया जाएगा धरना प्रदर्शन, इस धरना प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट को प्राइवेट करने के विरोध में है । इससे पहले भी 1 फरवरी को बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से पूरे शहर की बिजली गुल हो गई थी। ऐसे में अब फिर चंडीगढ़ पावर मैन यूनियन के सदस्यों ने 22 फरवरी से 72 घंटों की हड़ताल की घोषणा कर दी है।
हड़ताल से पहले चेतावनी के रूप में दिया जाएगा धरना
यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने कहा कि आज होने वाले धरने में सैकड़ों की संख्या में शहर वासियों और कई जत्थेबंदियों से जुड़े कर्मचारियों के जुटने की संभावना है। यदि चंडीगढ़ प्रशासन निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेता तो उनका प्रदर्शन और बड़ा रूप धारण कर लेगा।
871 करोड़ रुपए में हुआ विभाग का निजीकरण
यूटी पावर मैन यूनियन के मुताबिक पिछले 5 सालों में 1 हजार करोड रुपए से ज्यादा का मुनाफा होने के बावजूद प्रशासन ने विभाग को 871 करोड़ रुपए में बेच दिया। यूनियन का कहना है कि विभाग को प्राइवेट कंपनी को बिजली का ठेका देने से शहर में बिजली की दरें कई गुना महंगी हो जाएंगी।
शहरवासी भी कर रहे हैं इस निजीकरण का विरोध
वही यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन भी केंद्र की तर्ज पर निजीकरण की नीति अपना रहा है। मुनाफे में होने के बावजूद बिजली का निजीकरण किया गया। इसका सीधा नुकसान शहर वासियों को होगा, इसलिए वह इस निजी करण का विरोध कर रहे हैं। 72 घंटे बिजली गुल रहने से शहर की बिजली व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा जाएगी। पिछली बार भी हड़ताल के दौरान प्रशासन ने कर्मचारियों की तनख्वाह तक काट ली थी।