हरियाणा के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने वीरवार को नशे के रोकधाम के लिए चर्चा की । इस चर्चा में बताया गया की हरियाणा में 10 जिले ऐसे हैं , जिसमें सिरसा, रोहतक, हिसार, अंबाला, फतेहाबाद, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, नूंह और सोनीपत चुने गए। सीएम ने कहा कि नारकोटिक्स ब्यूरो ने पिछले साल 2746 अभियोग दर्ज किए गए। 3973 आरोपी गिरफ्तार किए गए। आंकड़ों को देखते हैं चिंता बढ़ती है। इसकी स्मगलिंग हो रही है। पाकिस्तान से पंजाब, हरियाणा से आकर देश में आगे जा रही है।
आम जनता से करेंगे जानकारी को एकत्रित
सीएम ने कहा कि नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है। उस स्टेट लेवल एक्शन प्लान बनाया है। उसमें विलेज मिशन, वार्ड मिशन, इन्हें कोर्डिनेट करने के लिए कलस्टर फिर सब डिवीजन मिशन, जिला मिशन, स्टेट मिशन टीम बनाई है। हर गांव में जाकर पता करेंगे कि ये सेवन करने वाले, व्यापार करने वाले लोग कौन कौन है। पांच सरकारी अधिकारी और पांच जनता के प्रतिनिधि शामिल होंगे। स्कूल अध्यापक, पटवारी, ग्रामीण सचिव, शामिल होंगे। ताकि सबको साथ लिया जाएगा। मार्च में इन सबका गठन हो जाएगा। मार्च महीने के बाद फिर गांव- गांव में, वार्डों में जाकर मीटिंग करेंगे।
नशे के खिलाफ टोल फ्री नंबर पर दे सकते हैं सूचना
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि नशे के विरुद्ध हरियाणा में जो युद्ध शुरू किया, उसके बारे में सीएम ने बता दिया। नारकोटिक्स ब्यूरो का कार्यालय मधुबन में बनाया गया है। कोई भी हरियाणा का व्यक्ति ऐसाी एक्टिवटी हो रही है, वह इसकी सूचना टोल फ्रीन नंबर 9050891508 पर दे सकता है। विज ने कहा कि नशे का जो भी कोई केस पकड़ा जाएगा, उसके अंत तक जाया जाएगा, तब तक हमारी इंवेस्टिगेशन पूरी नहीं मानी जाएगी।
15 दिन में होगा पोर्टल फंक्शनल
विज ने कहा कि केस रजिस्टर्ड होने के बाद कार्रवाई न होने पर पुलिस कर्मचारियों के प्रति एक्शन लिया जाएगा। दस दिन के बाद इंस्पेक्टर को रिपोर्ट करना होगा। 20 दिन बाद डीएसपी, 30 दिन बाद एसीपी, 45 दिन बाद एसपी को रिपोर्ट करना होगा। विज ने कहा कि पोर्टल बनाया है, उसका ट्रायल देख लिया। 15 दिन में वह पूरी तरह से फंक्शनल हो जाएगा। एसीएस होम और मेरे डेश बोर्ड पर हर केस की डिटेल होगी। हमारा मकसद यह है कि पुलिस कर्मचारियों को आभास रहेगा कि केस डिले करेंगा तो हर आदमी की एकाउंट बिल्टी तय की गई है। विज ने कहा कि कुरुक्षेत्र, करनाल,सिरसा में नशा तस्करों की प्रॉपर्टी अटैच की है।