हरियाणा के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने वीरवार को नशे के रोकधाम के लिए चर्चा की । इस चर्चा में बताया गया की हरियाणा में 10 जिले ऐसे हैं , जिसमें सिरसा, रोहतक, हिसार, अंबाला, फतेहाबाद, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, नूंह और सोनीपत चुने गए। सीएम मनोहर लाल का खुद का गृह जिला करनाल और धार्मिक नगरी कुरुक्षेत्र भी नशे कि चपेट में हैं। इस मुद्दे पर अब सियासत होनी शुरू हो गयी है।
सीएम का जिला भी नशे की चपेट में
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि जब धर्म नगरी करनाल व कुरुक्षेत्र ही नशे की चपेट में हैं, जब मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का अपना जिला ही नशे की चपेट में है। जब प्रदेश की आधी आबादी पर नशे का कहर है तो साफ है कि 7 साल से चल रही खट्टर सरकार की विदाई ही नशों पर रोक का इलाज है।
बेरोजगारी के बाद नशे में प्रदेश नंबर 1
किरण चौधरी ने ट्वीट किया कि सरकार की उपलब्धि है कि देश के सबसे ज्यादा नशा प्रभावित जिलों में 10 जिले हरियाणा के हैं। बेरोजगारी, महंगाई के बाद नशे में प्रदेश को नंबर 1 बनाने के लिए गठबंधन सरकार प्रयासरत है। शराब पीने की उम्र को 25 से घटाकर 21 साल कर देना इस दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।
1 साल में 2,746 मामले दर्ज किए
पिछले एक साल में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और हरियाणा पुलिस ने 2,746 अभियोग दर्ज किए हैं और 3,975 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 29.13 किलो हेरोइन, 157.25 किलो चरस, 11,368 किलो गांजा, 356.19 किलो अफीम, 8550 किलो चूरापोस्त और 13 लाख 64 हजार 121 नशीली गोलियां, सीरप इत्यादि जब्त किया गया है।