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आयुर्वेद मेंं है कोविड-19 समस्या का संपूर्ण समाधान

ट्राइसिटी में और यहां तक कि पूरे भारत में कोविड-19 के मामले चरम पर हैं। इस पृष्ठभूमि में, ट्राइसिटी स्थित एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक आचार्य मनीष ने यहां प्रेस क्लब, सेक्टर 27 में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कोविड युग में आयुर्वेद के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, आचार्य मनीष के साथ आयुर्वेदिक चिकित्सक  डॉ. भावना तथा डॉ. अवीरा गौतम  मौजूद थे।
आचार्य मनीष चंडीगढ़ के निकट ज़ीरकपुर में संचालित एक आयुर्वेदिक क्लीनिक एवं रिसर्च सेंटर ‘शुद्धि आयुर्वेद ‘ के संस्थापक हैं, जिसके देश भर में लगभग 150 क्लीनिक हैं। आचार्य मनीष ने कहा, ‘आयुर्वेद भारत की प्राचीन जड़ी-बूटी आधारित चिकित्सा प्रणाली है, जो कोविड-19 से बचाव के लिए सबसे अच्छा चिकित्सा उपचार और एक समग्र समाधान प्रदान करती है और यहां तक कि यदि कोई मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाता है, तो इस संक्रामक रोग का प्रबंधन भी करती है। ‘प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, आचार्य मनीष ने कहा, ‘आयुर्वेद में पारंपरिक जड़ी बूटियों का उपयोग करके तैयार की गयी प्रतिरक्षा वर्धक दवाओं का एक अच्छा मेल है, और इनका तनिक भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी में ऐसे चिकित्सा गुण मौजूद हैं जो प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद करते हुए वायरस को दूर रखते हैं। दूसरी ओर, इलायची, दालचीनी, हल्दी, काली मिर्च, सोंठ जैसी औषधीय जड़ी-बूटियां, हम अपने फॉर्मूले में उपयोग करते हैं, और ये चीजें आसानी से हर भारतीय रसोई में मिल जाती हैं। ये चीजें एंटीऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर होती हैं और इनमें एंटीवायरल गुण भी होते हैं। ‘उल्लेखनीय है कि मौजूदा महामारी के दौरान, शुद्धि आयुर्वेद ने एक सीएसआर पहल शुरू की थी- स्वस्थ एवं रोग मुक्त भारत। इसके तहत कंपनी ने ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद की, जो महंगी दवाएं खरीदने में असमर्थ थे। उनको शुद्धि आयुर्वेद के शोध आधारित और आयुष प्रमाणित इम्यूनिटी बूस्टिंग पैक मुफ्त में उपलब्ध कराये गये। शुद्धि ने यह भी घोषणा की कि सशस्त्र बलों के जवानों और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कोरोनो पॉजिटिव लोगों को यह पैक मुफ्त दिया जाएगा। हालांकि, इसे खरीदने में समर्थ अन्य सभी लोगों के लिए यह सामान्य शुल्क पर मिलेगा।

क्लीनिक ने एक हैल्पलाइन नंबर 82731-83731 जारी किया है, जिस पर देश भर से कॉल्स आती रहती हैं और लगभग 2000 जरूरतमंद लोगों ने इम्युनिटी-बूस्टिंग पैकेज और विशेष एंटी-कोविड दवाओं की मांग की है। इनमें से, 200 से अधिक कोरोना पॉजिटिव रोगी दवा लेने के 3-7 बाद निगेटिव पाये गये। प्रेस वार्ता में आयुर्वेदिक दवाओं के उपयोग से लाभान्वित लोगों के वीडियो संदेशों की फिल्म भी दिखायी गयी। फिल्म में कुछ दवाएं भी दिखायी गयीं, जैसे उच्च एंटीवायरल गुणों वाली विशार रस, 32 जड़ी-बूटियों वाली चाय जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है, तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक तत्वों वाला अयूर एपी।

आचार्य मनीष ने कहा, ‘हमारे बेहद अच्छे परिणामों के मद्देनजर, मैं सरकार से आग्रह करूंगा कि अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज हेतु आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग किया जाये। ‘

आचार्य मनीष को आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार का जुनून है, ताकि यह देश के हर घर तक पहुंच सके। महामारी के चरम के दौरान कोविड-19 को दूर रखने के लिए उन्होंने एक नुस्खा भी दिया, जो कोविड-19 से बचाव कर सकता है, ‘आयुर्वेद में कोविड-19 का इलाज है। कोविड निगेटिव और पॉजिटिव दोनों ही श्रेणी के लोगों को इन दिनों हल्का भोजन करना चाहिए। किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए, सलाद व फल अधिक खाने चाहिए और जूस, नारियल पानी आदि का सेवन करना चाहिए। इसके पीछे विचार यह है कि आयुर्वेद के माध्यम से घर पर ही ठीक हुआ जा सकता है। ‘

भारत में जब कोरोना का प्रवेश हुआ, तभी आचार्य मनीष ने केंद्र सरकार से कहा था कि आयुर्वेद की मदद से इस बीमारी को रोका जा सकता है। आयुष ने भी आयुर्वेदिक फॉर्मूलों की सिफारिश की है, जिनका सेवन किया जा सकता है।

‘दुख की बात यह है कि जिस देश में आयुर्वेद का जन्म हुआ, यानी भारत में, वहीं इस विज्ञान को एलोपैथी की तुलना में कम महत्व दिया गया। हालांकि अब, इसके लाभों के चलते लोग कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए आयुर्वेद की ओर देख रहे हैं। अब आयुर्वेद को फिर से मान्यता मिल रही है। बस कुछ ही समय की बात है जब भारत में यह एक पसंदीदा उपचार विधि बन जायेगी, ‘ आचार्य मनीष ने कहा।