क्लीनिक ने एक हैल्पलाइन नंबर 82731-83731 जारी किया है, जिस पर देश भर से कॉल्स आती रहती हैं और लगभग 2000 जरूरतमंद लोगों ने इम्युनिटी-बूस्टिंग पैकेज और विशेष एंटी-कोविड दवाओं की मांग की है। इनमें से, 200 से अधिक कोरोना पॉजिटिव रोगी दवा लेने के 3-7 बाद निगेटिव पाये गये। प्रेस वार्ता में आयुर्वेदिक दवाओं के उपयोग से लाभान्वित लोगों के वीडियो संदेशों की फिल्म भी दिखायी गयी। फिल्म में कुछ दवाएं भी दिखायी गयीं, जैसे उच्च एंटीवायरल गुणों वाली विशार रस, 32 जड़ी-बूटियों वाली चाय जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है, तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक तत्वों वाला अयूर एपी।
आचार्य मनीष ने कहा, ‘हमारे बेहद अच्छे परिणामों के मद्देनजर, मैं सरकार से आग्रह करूंगा कि अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज हेतु आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग किया जाये। ‘
आचार्य मनीष को आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार का जुनून है, ताकि यह देश के हर घर तक पहुंच सके। महामारी के चरम के दौरान कोविड-19 को दूर रखने के लिए उन्होंने एक नुस्खा भी दिया, जो कोविड-19 से बचाव कर सकता है, ‘आयुर्वेद में कोविड-19 का इलाज है। कोविड निगेटिव और पॉजिटिव दोनों ही श्रेणी के लोगों को इन दिनों हल्का भोजन करना चाहिए। किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए, सलाद व फल अधिक खाने चाहिए और जूस, नारियल पानी आदि का सेवन करना चाहिए। इसके पीछे विचार यह है कि आयुर्वेद के माध्यम से घर पर ही ठीक हुआ जा सकता है। ‘
भारत में जब कोरोना का प्रवेश हुआ, तभी आचार्य मनीष ने केंद्र सरकार से कहा था कि आयुर्वेद की मदद से इस बीमारी को रोका जा सकता है। आयुष ने भी आयुर्वेदिक फॉर्मूलों की सिफारिश की है, जिनका सेवन किया जा सकता है।
‘दुख की बात यह है कि जिस देश में आयुर्वेद का जन्म हुआ, यानी भारत में, वहीं इस विज्ञान को एलोपैथी की तुलना में कम महत्व दिया गया। हालांकि अब, इसके लाभों के चलते लोग कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए आयुर्वेद की ओर देख रहे हैं। अब आयुर्वेद को फिर से मान्यता मिल रही है। बस कुछ ही समय की बात है जब भारत में यह एक पसंदीदा उपचार विधि बन जायेगी, ‘ आचार्य मनीष ने कहा।