चण्डीगढ़। पूरे देश व दुनिया में बुरी तरह से फैले कोरोना के कारण है इस समय सभी को आर्थिक तंगी झेलने पर मजबूर कर दिया है। कोरोना के कारण चण्डीगढ़ में हजारों प्राईवेट जॉब करने वाले लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
पेरेंट्स की नौकरी छूट जाने या फिर आधी अधूरी सैलरी मिलने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर इसका सीधा असर पड़ा है। आर्थिक तंगी होने के कारण माता-पिता अपने बच्चों के प्राईवेट स्कूलों की मंहगी फीस व स्कूल के अन्य खर्च नहीं उठा पा रहे है।
जिस कारण माता-पिता ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्हें प्राईवेट के बजाए सरकारी स्कूल में दाखिल करवाना शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा मिले आंकड़ों के अनुसार इस बार सरकारी स्कूलों में अचानक से बच्चों के दाखिलें के संख्या में इजाफा हुआ है। इस साल करीब 4985 छात्रों ने पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक में दाखिला लिया है। ये सभी बच्चें प्राईवेट स्कूलों को छोडक़र सरकारी स्कूल में दाखिला लेने पहुंचे।
प्राईवेट स्कूलों ने बढ़ाई फीस, नहीं दी बंद की ऑनलाइन क्लास की सुविधा
कोरोना के कारण लगे लंबे लॉकडाउन के आर्थिक मंदी झेल रहे माता-पिता को बच्चों की फीस भरने के काफी परेशानी हो रही थी। लॉकडाउन के दौरान भी प्राईवेट स्कूलों द्वारा फीस माफ करना तो दूर बल्कि छात्रों की फीस को बढ़ा दिया गया। साथ ही फीस न दे पाने वाले बच्चों को ऑनलाइन क्लास देना भी बंद कर दिया। जिसके बाद बच्चों की पढ़ाई भी खराब हुई।
ऐसे में बच्चों के माता-पिता ने उन्हें सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलवाना ही उचित समझा। जिसके बाद सरकारी स्कूल में इस साल हजारों की संख्या में विद्यार्थियों की संख्या इजाफा हुआ।
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