चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में रामलीला दिखाने के लिए 19 रामलीला कमेटियों को अनुमति दे दी है। डीसी मनदीप सिंह बराड़ ने मंगलवार को यह निर्देश जारी किये गए हैं।
कोरोना के चलते सभी तरह के कार्यक्रमों पर सरकार द्वारा रोक लगा दी गयी थी। जिसके बाद अब धीरे-धीरे लॉकडाउन खोला जा रहा है। कोरोना से रिकवरी रेट बढ़ते देख चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में राम लीला करने के लिए कुछ शर्तों पर अनुमति दे दी है। अब मंजूरी देरी से मिलने के चलते 16 या 17 अक्तूबर से मंचन शुरू हो पाएगा।
रामलीला कमेटियों को इन चीजों का रखना होगा ख्याल
- आगजनी की घटना से बचने के लिए पंडाल में ऐसा सामान यूज न हो, जो जल्द आग पकड़ता है।
- सैनिटाइजर्स रखने होंगे, कुर्सियों के बीच जगह खुली होनी चाहिए, ताकि लोग थोड़ा दूर-दूर बैठ सकें।
- अगर कोई कोरोना वायरस पॉजिटिव होता है तो उस मामले में पूरी एहतियात रखनी जरूरी होगी। अलग से नजदीक के हेल्थ सेंटर में इसको लेकर जानकारी देनी होगी।
- कंटेनमेंट जोन में रामलीला के मंचन को मंजूरी नहीं है।
- मिनिस्ट्री की तरफ से जारी सभी दिशा निर्देशों का पालन जरूरी होगा।
- ये कमेटी की जिम्मेदारी रहेगी की अगर इन दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो संबंधित रामलीला करवाने वाली कमेटी पर कार्रवाई होगी।
सभी रामलीला कमेटियों को नहीं मिली अनुमति
चंडीगढ़ में कुल 45 रामलीला कमेटी हैं जिनमें से कुछ रामलीला कमेटियों ने कोविड-19 को देखते हुए रामलीला करने से इन्कार कर दिया था। जिन रामलीला कमेटियों ने अनुमति मांगी थी, उनमें से मात्र 19 को उपायुक्त की तरफ से अनुमति दी गई है।
केंद्रीय रामलीला एंड दशहरा महासभा के प्रेसिडेंट भगवती गौड़ ने कहा कि अनुमति बहुत ही देरी से मिली है। हमारी तरफ से 10 सितंबर से अनुमति पाने के लिए अप्लाई किया गया था। उन्होंने बताया कि स्टेज तैयार करने में 3 से चार दिन का समय लगता है इस बार अगर रामलीला होगी तो वह किस तरह से होगी यह सोचने का विषय है।