प्याज के रेट्स लगातार बढ़ रहे हैं जिसे लेकर प्रशासन ने भी लोगों की जरूरतों को समझते हुए हर होलसेलर्स और रिटेलर को लिमिट स्टॉक तय करने के बारे में हिदायत दी गईगई है। होलसेलर्स के लिए 250 क्विंटल (25 मिट्रिक टन) जबकि रिटेलर को 20 क्विंटल (2 मिट्रिक टन) के स्टॉक को रखने के बारे में समझाया गया हैं। फूड सप्लाइज एंड कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट की तरफ से जारी निर्देंशों में साफ बताया गया है कि यह आदेश 31 दिसंबर तक लागू रहेंगा। इससे पहले प्रशासन ने स्टॉक की सीमा तय नहीं की थी। गौर हो कि केंद्र सरकार के निर्देश पर दाम बढऩे पर यह फैसला लिया गया था।
डिपार्टमेंट ने मंडी में जाकर की चेकिंग
डिपार्टमेंट ने सेक्टर-26 सब्जी मंडी में पहुंचकर हर होलसेलर्स और रिटलेर्स के पास मौजूद स्टॉक की जांच भी की। एएफ एंड एसओ मनोज कुमार की अगुवाई में इंस्पेक्टर नीरज घई, तरुण नरुला और खुशदेव सिंगला ने होलसेलर्स और रिटेलर्स से बातचीत की और स्टॉक की जानकारी भी ली।
उन्होनें तय सीमा से ज्यादा स्टॉक ना रखने और हर रोज प्याज सेल और परचेज को मेंटेन करने के लिए रजिस्टर बनाने के लिए बताया गया है। शनिवार को सब्जी मंडी में प्याज का होलसेल रेट 40-45 रुपए और रिटेल प्राइज 60-65 रुपए किलोग्राम रहा। रविवार को होलसेल रेट 30 से 40 रुपये रहा। लेकिन यह भी दोगुने रेट पर रिटेल में बिक रहा है।
प्रशासन ने नहीं लगाए काउंटर
पिछले साल चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए नो प्रोफिट नो लॉस पर मौलीजागरां, धनास, मलोया, रामदरबार और मनीमाजरा के कम्युनिटी सेंटर में प्याज के काउंटर लगवाएं थे । जबकि उस समय प्याज की कीमत 50 रुपये से ज्यादा हो गए थे लेकिन इस समय प्याज की कीमत 70 रुपये प्रति किलो है। फिर भी प्रशासन की ओर से काउंटर नहीं लगाए गए हैं।
खपत ज्यादा माल कम
वहीं स्माल वेजिटेबल सेलर एसोसिएशन के चेयरमैंन देसराज का कहना है कि इस समय चंडीगढ़ में प्रतिदिन 100 टन से ज्यादा प्याज की खपत हो रही है जबकि प्याज के 10 ट्रकों को माल केवल अलवर और नासिक से आ रहा है। अफगानिस्तान और तुर्की से भी प्याज मंगवाया जा रहा है।