- अब नहीं गिराएगे नयागांव, कांसल और सुखना कैचमैंट के मकान, हाईकोट की रोक
सुखना कैचमेंट एरिया में अवैध अथवा अनाधिकृत निर्माण गिराने के अपने ही फैसले पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। शुक्रवार को जस्टिस जसवंत सिंह और जस्टिस हरिंदर सिंह सिद्धू की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के उन निर्देशों पर भी रोक लगा दी है, कि पंजाब व हरियाणा सरकार को 100-100 करोड़ रुपए मुआवजा के आदेश दिए गए थे।
कंसल एनक्लेव रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन व अन्य निवासियों ने हाईकोर्ट के 2 मार्च के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कुल 4 याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिका में कहा गया कि सुखना के कैचमेंट एरिया को लेकर विवाद की स्थिति है। ऐसे में एरिया को स्पष्ट किए बिना निर्माण कार्य गिराने का फैसला सही नहीं है।
खंडपीठ ने फैसले में कहा कि कोर्ट की अनुमति लिए बिना सुखना कैचमेंट एरिया में कोई रेनोवेशन का काम भी नहीं होगा। हाईकोर्ट में साथ ही इस मामले में पंजाब-हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
2 मार्च 2020 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सर्वे ऑफ इंडिया के 21 सितंबर 2004 के नक्शे के मुताबिक सुखना के कैचमेंट एरिया में अवैध व अनधिकृत निर्माण 3 महीने के भीतर गिरा दिए जाएं। साथ ही कहा था कि पंजाब-हरियाणा सरकार केंद्र सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को हर्जाने के तौर पर 100 करोड़ रूपए दें, ताकि कैचमेंट एरिया को उसके वास्तविक मूल स्वरूप में लौटाया जा सके।
मार्च 2020 में हाईकोर्ट ने सुखना कैचमेंट एरिया में आने वाले सभी वैध और अवैध निर्माणों को गिराने के आदेश दिए थे। सर्वे ऑफ इंडिया के 2004 के नक्शे के आधार पर कैचमेंट एरिया के कार्रवाई करने के लिए हाईकोर्ट ने तीन महीने का समय दिया था।
लेकिन मार्च में ही कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया। हाईकोर्ट के इन आदेशों का सबसे ज्यादा असर कांसल और कैंबवाला के एरिया पर होना था, क्योंकि यहां 2004 के बाद ही ज्यादातर निर्माण हुए हैं। कांसल सुखना वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी के एकदम साथ में लगता है।
जिसके चलते यहां बने मकानों पर इसका ज्यादा असर होना था। चंडीगढ़ के एरिया में कैंबवाला में कई घर ढहाए जाने थे। प्रशासन की तरफ से इसको लेकर सर्वे भी करवाने का फैसला लिया गया था।
इन जगहों पर टूटने थे मकान
- कांसल
- नयागांव का कुछ एरिया
- कैंबवाला, किशनगढ़
- सकेतड़ी
- खुड्डा अलीशेर की बाउंड्री के साथ लगता एरिया
मकसद है सुखना को बचाना
सुखना लेक की कैपेसिटी 100 से बढ़ाकर 150 हेक्टेयर तक करने के आदेश दिए गए थे। जिसके लिए बड़े स्तर पर सुखना से गाद निकालने का काम करने के लिए कहा गया था। इन आदेशों में सुखना वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में आते चैकडैम में पानी की क्षमता कम करने के निर्देश दिए गए थे, ताकि सुखना तक ज्यादा पानी पहुंच सके।