- नये साल में नई मुसीबत, कोरोना के बाद बर्ड फ्लू ने मचाया कोहराम, कई राज्यों में अलर्ट जारी
हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के दस्तक देते ही कांगडा जिले के पौंग बांध के आसपास बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा दो हजार को पार कर गया है। भोपाल की पशु रोग संस्थान की रिपोर्ट में वायरस की पुष्टि होने के बाद वन्य प्राणी विंग खासा सतर्क हो गया है। इसको लेकर वन विभाग ने पड़ोसी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड दिल्ली समेत कई राज्यों को अलर्ट जारी किया करते हुये कहा कि वे अपने राज्यों के प्रवासी पक्षियों की गतिविधियों पर नजर रखें।
हिमाचल में पाया गया बर्ड फ्लू सामान्य फ्लू नहीं है, यह पक्षियों से इन्सान में भी फैल सकता है। PCCF वन्य प्राणी विंग के प्रधान संरक्षक अर्चना शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। यह बर्ड फ्लू सामान्य नहीं है। इसके लक्षण सर्दी जुकाम खांसी बुखार जैसे ही होते हैं। यह पक्षी से इन्सान में फैल सकता है।
एहतियाती तौर पर पड़ोसी राज्यों को अलर्ट किया गया है और विभाग के अधिकारियों को एडवायजरी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस संबंध में विदेश मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी है। इसमें उन देशों को भी सूचना देने की बात कही गई है, जहां से प्रवासी पक्षी हिमाचल आते हैं इनमें प्रमुख तौर पर सेंट्रल एशिया, साइबेरिया, मंगोलिया, यूरोप के कई देश शामिल है इन देशों के प्रवासी पक्षी अक्टूबर-नवंबर में हिमाचल आने शुरू हो जाते हैं। ताकि इस वायरस का पता लगाया जा सके। हिमाचल प्रदेश के पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इससे निपटने के लिए पशुपालन विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है।
उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिले में 10 किलोमीटर के दायरे में पोल्ट्री नष्ट होंगी। बर्ड फ्लू को इन्सान में फैलने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मृत पक्षियों को नष्ट करने के लिए कर्मचारियों को पीपीई किट मास्क और ग्लब्स पहनने होंगे। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। इनमें कहा गया है कि वह बर्ड फ्लू को इंसान में फैलने से रोकने के कड़े कदम उठाएं।
हरियाणा में बर्ड फ्लू आशंका से पोल्ट्री उद्योग सहमा, बरवाला में लाखों मुर्गियों की मौत
हरियाणा के पंचकूला जिले बरवाला में पॉल्ट्री फार्मों में करीब एक लाख मुर्गियों की मौत से प्रदेश का पॉल्टी उद्योग भी सहम गया है। प्रदेश के सबसे बड़े मुर्गी पालन हब पंचकूला जिले के बरवाला के पॉल्ट्री फॉर्म्स में गत कुछ दिनों में लाखों मुर्गियों की मौत के बाद हड़कम्प मच गया है। मुर्गियों में बर्ड फ्लू फैलने की आहट से प्रदेश के अन्य हिस्सों का पॉल्ट्री उद्योग में खौफ है।
हालांकि इन मुर्गियों की मौत किस कारण से हुई यह पता नहीं चला है लेकिन देश के अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में पक्षियों के मृत पाये जाने तथा इनमें जांच के बाद बर्ड फ्लू की पुष्टि होने से हरियाणा में भी बर्ड फ्लू की आशंका गहराने लगी है जिसके सम्भावित खतरे को देखते हुए पॉल्ट्री व्यवसायी सुरक्षा के उपाय करने में जुट गए हैं। इसके तहत पॉल्ट्री फार्मों और हैचरी के आसपास बायो सेफ्टी बढ़ा दी गई है। वहीं दवा का छिड़काव भी किया जा रहा है।
500 पोल्ट्री फार्म में 70 लाख से अधिक मुर्गियां
पंचकूला के रायपुररानी-बरवाला क्षेत्र में लगभग डेढ़ सौ पॉल्ट्री फार्म हैं। दूसरी तरफ जींद जिला भी पॉल्ट्री हब माना जाता है। जिले में करीब 500 से ज्यादा पोल्ट्री फार्म हैं जिनमें 70 लाख से अधिक मुर्गियां पाली जा रही हैं। इसके अलावा 80 हैचरी हैं इनमें ऐसी मुर्गियों को रखा जाता है जो अंडा देती हैं। इन हैचरी में करीब एक करोड़ ऐसी मुर्गियां हैं। जिले में पोल्ट्री उद्योग से प्रतिदिन करीब दस करोड़ रुपये का कारोबार होता है। हालांकि जिले में अधिकतर मुर्गी पालन चूजे और चिकन के लिए ही किया जाता है।
पशुपालन विभाग के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. राजू शर्मा (Raju Sharma) ने बताया कि आजकल संक्रमण फैलने का खतरा बहुत कम है। अभी तक जिले में बर्ड फ्लू जैसे मामले की कोई पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सावधानी जरूर बरती जानी चाहिए। इसके लिए पॉल्ट्री कारोबारी अपने फार्म के आसपास बायो सुरक्षा चक्र बनाएं। बाहर से आने वाली गाड़ियों को भी अच्छे प्रकार से सैनिटाइज कर फार्म में जाने दें। इसके अलावा यदि खुद फार्मर भी बाहर से आता है तो वह भी नहा कर और कपड़े बदल कर फार्म में जाए। फार्म के आसपास चूना का छिड़काव किया जाना चाहिए।
वहीं प्रवेश द्वार पर लाल दवाई का प्रयोग होना चाहिए ताकि संक्रमण न फैले। वहीं पक्षियों में रोग रोधी शक्ति बढ़ाने के लिए इनका वैक्सीनेशन करें। चिकन खाने वालों को सिर्फ इतनी ही सावधानी बरतनी है कि अच्छे से उबालकर चिकन का प्रयोग करें। डॉ. शर्मा के अनुसार सामान्य स्थिति में एक हजार मुर्गियों में से एक-दो की मौत होना कोई चिंता का विषय नहीं होता। सर्दियों में कुछ मुर्गियों की मौत हो भी सकती है। यदि फार्म में काफी संख्या में मुर्गे मरते हैं तो यह चिंता का विषय है और इसकी सूचना तुरंत विभाग को दें। ब्रॉयलर एंड ब्रीडर एसोसिएशन के अध्यक्ष बिंटु बिसला ने कहा कि अभी तक जींद जिले में कहीं भी मुर्गियों की मौत का मामला सामने नहीं आया है। इसके बावजूद पूरी सतर्कता बरती जा रही है। फार्म पर बायो सुरक्षा अपनाई जा रही है। वहीं बारह से आने वाले लोगों को फार्म में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है।