- चंडीगढ़ में लगेगा पहला एयर प्यू्रीफायर, जानें इंस्टॉल की वजह, कैसे काम करेगा ?
देश के 122 शहर ऐसे हैं जहां पर पिछले पांच वर्षों से एयर पॉल्यूशन का ग्राफ लगातार तय सीमा से ज्यादा रहा है। इसमें चंडीगढ़ का नाम भी शामिल है। मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज (Ministry of Forrest & Climate Change) ने चंडीगढ़ को एयर पॉल्यूशन 30 से 40 प्रतिशत तक कम करने का टारगेट दिया है। इसके लिए सिटी में अलग-अलग प्रोजेक्टस चल रहे हैं। अब जल्द ही दिल्ली की तर्ज पर चंडीगढ़ में भी एयर प्यू्रीफायर (Air-purifier) लगाए जा रहें हैं।
कहां लगेगा चंडीगढ़ का पहला एयर प्यूरीफायर (Chandigarh first air-purifier)
फिलहाल ट्रायल बेस पर प्यूरीफायर को ट्रांसपोर्ट ट्रैफिक लाइट प्वाइंट (transport traffic light point) सेक्टर-26 में चार महीने से पहले लगा दिया जाएगा। अगर ट्रायल सही रहा तो ज्यादा संख्या में प्यूरीफायर अलग-अलग जगहों पर लगाए जाएंगे।
प्यूरीफायर लगाने के पीछे कारण
ट्रांसपोर्ट एरिया में ज्यादा व्हीकल्स आते हैं यहीं पर सब्जी व ग्रेन मार्केट है और बड़े व्हीकल्स यानि डीजल फ्यूल वाले ट्रक भी ज्यादा आते हैं। सिटी की सबसे बड़ी होलसेल मार्केट होने के नाते यहां भीड़ काफी रहती हैं।
रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनोमिक सर्विस (राइट्स) की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रांसपोर्ट चौक सेक्टर-26 (मध्य मार्ग) में हर रोज 1,45,157 व्हीकल्स (16 घंटे) मेंं निकलते हैं।
कैसे काम करेंगा
यह एयर प्यूरीफायर 500 मीटर के दायरे में हवा से पॉल्यूटेंट्स जैसे पर्टिकुलेट मैटर्स 2.5 और पर्टिकुलेट मैटर्स 10 को सोखेगा जिससे हवा साफ होगी और एयर क्वालिटी इंडेक्स तय सीमा यानि 50 प्वाइंट या इससे भी कम रहेगा। इसमें रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। इससे पता चलेगा कि प्यूरीफायर लगाने से एयर क्वालिटी में कितना फर्क पड़ रहा है।
चंडीगढ़ की एयर क्वालिटी
सर्दियों में यहां एयर क्वालिटी की ज्यादा समस्या रहती है क्योंकि एयर क्वालिटी इंडेक्स एवरेज 200 प्वाइंट्स या इससे ज्यादा रहता है। 50 से नीचे एयर क्वालिटी को अच्छा माना जाता है।
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