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सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से चंडीगढ़ में लगे जगह जगह कुड़े के ढ़ेर

  • 20 दिनों की हड़ताल से चंडीगढ़ की साफ सफाई का बुरा हाल। जानें क्यों ?

चंडीगढ़ में डोर टू डोर से गारबेज उठाने वाले कर्मचारी 20 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं। घरों से गारबेज न उठने से चंडीगढ़ निवासी परेशान हैं। लोग पार्षदों को फोन लगा रहे हैं, लेकिन किसी के पास कोई जवाब नहीं हैं। इधर, लोगों के घरों में गारबेज का ढेर लगा हुआ है। स्ट्राईक पर बैठे कर्मचारियों ने शुक्रवार को सेक्टर-17 से राजभवन तक पैदल मार्च भी निकाला। उसके बाद राजभवन का घेराव किया और बाद में गर्वनर के एडवाईजर मनोज परिदा को पत्र देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। हालांकि, मेयर व यूटी के एडवाईजर ने कर्मचारियों को समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया है।

क्यों हो रही हैं कर्मचारियों की स्ट्राईक

शमशेर सिंह बताया की सफाई कर्मचारियों की पहली मांग है कि घरों से कचरा पहले की तरह रेहडियों से उठाया जाएगा। नई गाडिय़ां सहज सफाई केंद्र पर खड़ी रहेंगी। वहां कर्मचारी गीला व सूखा कचरा डाल देंगे। दूसरी प्रमुख मांग यह है कि निगम लोगों को पानी के बिलों के साथ कचरा उठाने का बिल नहीं देगा। उसके लिए कर्मचारी पहले की तरह ही कलेक्शन करेंगे।

लोगों की परेशानी का क्या है कारण

लोगों का कहना है कर्मचारी सप्ताह में एक दिन गारबेज उठाने आते हैं। दो मंजिल घरों में कर्मचारी ऊपर तक जा ही नहीं रहे हैं। इस बार काफी दिनों से कर्मचारी गारबेज लेने नहीं आए। शहर के लोगों को नई गाडिय़ों का फायदा ही नहीं मिल पा रहा है।

इन मांगों पर अड़े हैं कर्मचारी

इन दोनों ही मांगों को म्यूनिसिपल कारपोरेशन मानने को तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि हम कर्मचारियों को नौकरी दे रहे हैं और मंथली सेलरी दे रहे हैं। फिर क्या समस्या है। कर्मचारियों को निगम पर विश्वास नहीं है।

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