- अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी ने चंडीगढ़ पैक की एक्स-स्टूडेंट को दिया आउटस्टेंडिंग रिसर्च असिस्टेंट अवार्ड।
चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक) चंडीगढ़ की एक्स स्टूडेंट, शिखा चौधरी रढाल को अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी ने आउटस्टेंडिंग रिसर्च असिस्टेंट अवार्ड से सम्मानित किया है। शिखा यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, कॉलेज पार्क (यूएमडी) में एयरोस्पेस साइंस इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रही हैं। मैरीलैंड यूनिवर्सिटी की ओर से हर साल यूएमडी के 4000 से अधिक ग्रेजुएट स्टूडेंट्स में से टॉप 2 प्रतिशत को यह अवार्ड दिया जाता है। शिखा को अवार्ड डेटोनेशन प्रसार पर इंजेक्टर गतिकी के प्रभाव को समझने के लिए घूर्णन डेटोनेशन इंजन प्रोपल्शन के कांसेप्ट से संबंधित स्टडी के लिए मिला है। उन्हें मई 2021 में एन्यूअल ग्रेजुएट स्कूल फैलोशिप समारोह में अवार्ड प्रदान किया जायेगा। शिखा ने बताया कि ‘मैं बहुत भाग्यशाली हूं और टॉप रिसर्च अवार्ड पाकर खुद को पराउंड फील कर रही हूं। मुझे हमेशा से एरोस्पेस में रुचि रखती हूं। इसी के लिए मैं अपनी पीएचडी पुरी करने अमेरिका जाने के लिए प्रेरित हुई। मैं अपने सलाहकार डॉ. केनेथ यू और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की शुक्रगुजार हूं और मैं अपने माता-पिता की भी आभारी हूं, जिनके लगातार प्यार और समर्थन ने मुझे यह उपलब्धि हासिल करने में मदद की हैं।
यह पहली बार नहीं है जब इस ट्राइसिटी गर्ल ने ऐसी उपलब्धि हासिल करके देश को गौरवान्वित किया है।
शिखा ने बताया कि साल 2019 में, एयरोस्पेस साइंस एवं इंजीनियरिंग में सबसे प्रतिष्ठित ‘ज़ोंटा इंटरनेशनल अमेलिया ईयरहाट ‘ फैलोशिप के लिए उसने दुनिया भर में 30 महिलाओं की टॉप लिस्ट में भी अपनी जगह बनाई हैं। उन्होंने 2019-20 में रोटेटिंग डेटोनेशन इंजिन (आरडीई) प्रोपल्शन कांसेप्ट और इंजेक्शन के बीच गतिशील अंत:क्रियाओं के प्रभाव के लिए गुस्ताव जे होकेंसन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग फैलोशिप मिली थी।
एयरोस्पेस साइंस की दुनिया में खोये रहने वाली शिखा को एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दिलचस्पी तब पैदा हो गयी थी, जब उनके पिता ने उन्हें कल्पना चावला की एक इंस्पायर करने वाली स्टोरी सुनाई थी।
शिखा के पिता, चौधरी रढाल, भारतीय सेना के एक रिटायर्ड जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) हैं। उन्होंने बताया कि हम शिखा की उपलब्धि पर बेहद खुश हैं। यह उसका धैर्य और दृढ़ संकल्प ही है, जिसके चलते उसे यह अवार्ड मिला है।
वहीं शिखा यूथ को एयरोस्पेस इंजीनियरिंग को एक प्रोफैशनल की तरह अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरा टारगेट सिर्फ पीएचडी के बाद एयरोस्पेस फील्ड में रिसर्च करना है। मैं एयरोस्पेस के लिए नेक्ट जरनेशन को डेवेलपमेंट देना चाहती हूं।