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डीजल के 10 महीने में रेट 21.36 रुपए बढ़े तो क्या कहते है बिजनेस मैन

  • 35% तक बड़े Diesel के दाम, व्यापारी से लेकर आम जनता तक सब परेशान 

चंडीगढ़ में अब पेट्रोल और डीजल के रेट बढऩे से महंगाई बढऩे रास्ता साफ हो गया है। शनिवार को रिकार्ड पेट्रोल और डीजल के रेट में सिर्फ 6.51 रुपए प्रति लीटर का फर्क रह गया है। शनिवार को चंडीगढ़ में डीजल का रेट 80.65 रुपए लीटर था, जो अब तक का सबसे ज्यादा भाव माना गया है।

वहीं पेट्रोल 87.16 रुपए लीटर था। अगर देखा जाए तो पिछले 10 महीनों में डीजल के रेट में 21.36 रुपए का इजाफा हुआ है। इसका असर अब सीधा दाल-सब्जी और रोजमर्रा की चीजों पर पड़ रहा है, क्योंकि सारा माल ट्रकों पर आता है जो डीजल पर चलते हैं।

ट्रांसपोर्ट के किराये में बढ़ौत्तरी…

सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी कस्तूरी लाल शर्मा ने बताया कि व्यापारी को जो सब्जी 10 रुपए में पड़ती थी वो अब 11 या 12 रुपए में मिल रही है तो आगे भी इसी तरह से इसके दाम पर असर पड़ेगा। पटियाला से चंडीगढ़ तक 15 दिन पहले 10 टन के ट्रक का किराया 7500 रुपए था, अब यह 8500 रुपए हो गया है। वहीं, गुजरात से यही ट्रक 42 हजार रुपए किराये पर आता था, अब इसके लिए 45 से 46 हजार रुपए लग रहे हैं।

डीजल को जीएसटी में लाना जरूरी..

ट्रांसपोर्टर यूटी चंडीगढ़ के संजीव दीवान ने बताया कि हमारी गाडिय़ां डीजल पर ही चलती हैं 1-2 रुपए का सीधे रेट बढ़े तो स्ट्राइक पर जाएं लेकिन वो विकल्प भी नहीं क्योंकि कुछ पैसों के हिसाब से रेट बढ़ रहा है। डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना जरूरी है, तभी इसे कंट्रोल किया जा सकता है। क्योंकि डीजल का दाम बढऩे का सीधे तौर पर लोगों पर असर पड़ता है, किराया बढ़ेगा तो इसका असर हर रोज काम में आने वाली चीजों पर ही पड़ेगा। अगर महाराष्ट्र में कोई गाड़ी जाती है तो हमारे प्रॉफिट में करीब 10-15 फीसदी की कमी आ रही है।

दालें होगी प्रति क्विंटल 40-45 रुपए महंगी

तरसेम बंसल, व्यापारी नेता सेक्टर-26 ने बताया कि ऐसा नहीं है कि किराये में असर नहीं है। अगर दिल्ली से ही कोई गाड़ी दाल वगैरह लेकर आती है तो इसका पहले जहां रेट 80 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लगता था, वहीं अब ये रेट 120-125 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लग रहा है। किराये में बढ़ोतरी का असर आम जनता पर ही पड़ रहा है।

80 हजार की जगह 1.20 लाख रुपए किराया

सेक्टर 26 में फलों के होलसेल व्यापारी साहिल गोयल ने बताया कि डीजल के रेट बढऩे से सीधे तौर पर ग्राहक पर असर पड़ रहा है। महाराष्ट्र से पहले 80 हजार रुपए में 20 टन फल लेकर आता था, अब उसके लिए किराए में सीधे ही 20 से 40 हजार रुपए की बढ़ोतरी हो गई है। आगे फलों के रेट भी इसी तरह बढ़ाने ही पड़ेंगे। ये ऐसी चीज है जिससे किसान को फायदा नहीं पहुंच रहा और ग्राहक सीधे प्रभावित हो रहा है।

बसों पर भी बढेगा किराया

सीटीयू के ड्राईवर राम सिंह ने बताया कि अगर एक बस में हररोज एवरेज के हिसाब से 2500 रुपए का डीजल लगता था, वह अब 3200 रुपए तक पहुंच चुका है। ऐसे में सीधा 700 रुपए का बोझ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट पर पडेगा, वह भी आगे किराया बढ़ाकर जनता से वसूल करेगा।