- गर्वनमेंट टीचर ने पंजाबी बोलने वाला पहला रोबोट बनाया
गर्वनमेंट टीचर ने लॉकडाउन के दौरान घर बैठे ही एक ऐसा रोबोट तैयार कर दिया है जो पंजाबी में आपके सवालों का जबाव देगा। जालंधर में सरकारी स्कूल के टीचर ने रोबोट को नाम दिया है सरबंस कौर।
जानें कैसे उन्हें रोबोट बनाने का आयडिया मिला
जालंधर के सरकारी हाईस्कूल के कंप्यूटर हरजीत सिंह बताते हैं कि टीचर होने के नाते वह चाहते थे कि बच्चों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग आसानी से समझ आ जाए। इसके लिए उन्होंने कनाडा का उदाहरण लेते हुए पंजाबी में सरबंस नाम की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार की थी। इसी दौरान लॉकडाउन लग गया। शुरूआत में लॉकडाउन व बाद रात के वक्त काम कर इसे तैयार किया। इस रोबोट को तैयार करने में करीब 50 हजार रुपए खर्च हुए।
पत्नी जसप्रीत ने दी रोबोट को आवाज
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार करने के लिए उन्होंने अंग्रेजी के शब्दों को पंजाबी में अनुवाद किया। पहले उन्होंने पत्नी जसप्रीत की आवाज रिकॉर्ड का फीड की। क्योंकि रोबोट भी एक फीमेल हैं।
कैसे काम करता है रोबोट
हरजीत सिंह के मुताबिक सरबंस कौर रोबोट में हम जो भी फीड करना चाहें, कर सकते हैं। एक बार उसमें यह बातें फीड करने के बाद जब भी उससे पूछा जाता है तो वह अपने डेटाबेस से उसका सही उत्तर ढूंढता है और फिर सामने वाले को जवाब देता है।
किससे तैयार किया रोबोट
रोबोट तैयार करने में बच्चों के खिलौने, कॉपी के कवर, गत्ता, पैन, प्लग व बिजली की तारों का इस्तेमाल किया गया है।
कहां आ सकता है काम
गाइड के रूप में किसी धार्मिक या अन्य महत्वपूर्ण जगह का इतिहास फीड कर सकते हैं, इसके बाद रोबोट लोगों को वहां के इतिहास के बारे में बता सकता है।
रोबोट बच्चों को पढ़ाने का काम कर सकता है। बच्चों के सवालों का जवाब दे सकता है। ओल्ड एज होम्स में अकेलेपन में रहने वाले बुजुर्गों से बातचीत के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके डेटाबेस में कई तरह की बातें फीड की जा सकती हैं, ताकि बुजुर्ग कुछ पूछें तो रोबोट उसका जवाब दे सकता है।
आखिर सरबंस कौर ही नाम क्यों रखा
हरजीत सिंह ने बताया कि सिख गुरू गोबिंद सिंह जी का एक नाम सरबंसदानी भी है। वहीं से वो प्रभावित हुए और इसका रोबोट का नाम सरबंस रखा। फीमेल होने की वजह से सरबंस कौर रखा गया है। अब वह चाहते हैं कि सबसे पहले अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब में इस रोबोट का माथा टिकवाएं।