- पाकिस्तान की संध्या लॉकडाउन के बाद पहली बार तीन महीने की बच्ची के साथ लौटी वतन
कोरोना महामारी के कारण पिछले साल लॉकडाउन लगने से भारतीय पड़ोसी देशों में फसे रहे। पाकिस्तान में फंसे 22 भारतीय नागरिक शुक्रवार देर रात वतन लौट आए है। इन्हीं में शामिल है संध्या कुमारी, जो अपनी 3 महीने की बच्ची के साथ वतन लौटी। दरसअल पाकिस्तान में संध्या का मायका है, यानी वह भारत की बहू है।
उसकी शादी इंदौर में रहने वाले सागर कुमार बजाज से हुई है। शादी पाकिस्तान में ही हुई थी, लेकिन कोरोना के कारण संध्या को वहीं रूकना पड़ा और सागर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भारत आ गया।
अब संध्या तकरीबन एक साल बाद पहली बार ससुराल आई है और पति सागर ने दोनों मां-बेटी को रिसीव किया।
सागर कुमार बजाज अपनी 3 महीने की बच्ची और पत्नी को देखकर वह बेहद खुश है। अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते ससुराल आई संध्या ने बताया कि वह सिंध की रहने वाली हैं। और पिछले साल फरवरी में उसकी शादी सागर कुमार बजाज के साथ हुई थी। शादी पाकिस्तान में हुई थी, लेकिन मार्च में लॉकडाउन लग गया और वे भारत नहीं आ सके।
नवंबर तक वहीं रूकने के बाद सागर को वतन लौटने की मंजूरी मिल गई और वे भारत लौट आए। सागर के आने के बाद उसने एक बच्ची को जन्म दिया, जिसका नाम लक्ष्मी रखा है। वह पहली बार अपनी ससुराल आई है और इन पलों को लेकर काफी भावुक है।
बच्ची के दादा-दादी भी अपनी पोती से मिलने के लिए बेचैन हैं। संध्या पाकिस्तान से 21 अन्या यात्रियों के साथ आई है। इनमें 13 भारती नागरिक हैं, जिनमें 5 श्रीनगर के, 3 पुंछ के, 2 बांदीपुरा के और एक शोपियां का नागरिक है। इनके साथ 9 पाकिस्तानी नागरिक भी भारत पहुंचे हैं।