- सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने टेंडर प्रोसेस जारी
चंडीगढ़ प्रशासन इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का प्राइवेटाइजेशन करने जा रहा है। अब दोबारा से इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की तरफ से टेंडर प्रोसेस जारी कर दिया गया है। बिड सबमिट करने की आखिरी तारीख 18 मार्च है। जिसमें टाटा ग्रुप, रिलायंस और अडानी समेत कुल 6 कंपनियों ने पहले ही चंडीगढ़ के इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के लिए बिड लगाई थी, लेकिन अब दोबारा से टेंडर प्रोसेस किया गया है।
वहीं टेंडर डॉक्यूमेंट में इस बात को भी साफ बता दिया गया है कि जिन कंपनियों की तरफ से पहले बिड लगाई जा चुकी है, उन्हें भी इसमें दोबारा शामिल किया जाएगा। पहले जिन कंपनियों की तरफ से बिड लगाई गई है, उनको भी वैलिड माना जाएगा। अगर पहले आई कंपनी कोई लिखित में बदलाव करना चाहती हैं तो इसे भी माना जाएगा। नई कंपनियां जो बिड लगाएंगी, उन्हें बिड सिक्योरिटी 10 करोड़ रुपए, जबकि आरएफपी डॉक्यूमेंट के लिए 5 लाख रुपए प्लस जीएसटी जमा करवाने होंगे।
डिपार्टमेंट के इम्पॉलाईज का विरोध जारी..
जब से इस डिपार्टमेंट को प्राइवेटाईज करने की प्लानिंग चल रही है, तभी से इम्पॉलाई लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। प्राइवेटाइजेशन पर हाईकोर्ट ने भी रोक लगा दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से प्रशासन को राहत दे दी थी और उसके बाद टेंडर प्रोसेस को तेज कर दिया गया था। इम्पॉलाईज की तरफ से प्रोसेस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पावरमैन यूनियन की तरफ से कहा गया है कि एक डिपार्टमेंट मुनाफे में है और लोगों को सस्ते दामों में बिजली दे रहा है तो फिर सरकार क्यों प्राइवेट कंपनियों को सौंपने का काम कर रही है।