चंडीगढ़ में कोरोना के मरीजों की तदाद बढ़ती (Case Increase day by day) ही जा रही है। रोजाना नए से नए कोरोना मरीजा मिलने से नया रिकॉर्ड बन रहा हैं। पीजीआई विशेषज्ञों की मानें तो चंडीगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।
अगले डेढ़ हफ्ते में चंडीगढ़ के केस सबसे ज्यादा होंगे। स्थिति ज्यादा गंभीर हुई तो मरीजों को दाखिल करने के लिए अस्पतालों में बैड भी नहीं मिलेंगे।
प्रो. जगतराम, निदेशक पीजीआई का यह भी मानना है कि कोरोना को ज्यादा बढऩे से रोका जा सकता है। बशर्ते, चंडीगढ़ के बाशिंदे (resident) अगले 14 दिनों के लिए अपनी आदतों और जीवन शैली में बदलाव ले आएं।
पीजीआई के प्रो. राजेश कुमार के मुताबिक लोगों को कोविड से बचाव के लिए जो गाईडलाईंस (Guidelines) जारी की हैं, उसे व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझकर पालन करें।
पहला काम-मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड वॉश जरूर करें।
दूसरा-आपके घर में जो भी 45 साल से ऊपर के मैंबर्स हैं, उनकों वैक्सीन की दोनों डोज अवश्य दिलवाएं। दोनों काम एक साथ होने से संक्रमण की चेन टूट जाएगी।
संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए 14-15 दिनों तक कोरोना के प्रोटोकाल (Protocol ) का पालन करना जरूरी है।
यदि लोग ऐसा करते हैं तो अप्रैल के आखिरी दिनों या मई की शुरुआत में कोरोना के केसों में गिरावट आने लगेगी।
उन्होंने बताया कि बीते एक हफ्ते में पंजाब के केसों में स्थिरता आ चुकी है, लेकिन चंडीगढ़ में बढ़ रहे हैं। अगले 15 दिन चंडीगढ़ में केस और बढऩे की उम्मीद है। यदि लोगों ने आदतों में बदलाव नहीं किया तो आगे यह केस बढ़ेंगे।
Central Health Department की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन राज्यों में कोरोना के 30 हजार केस हैं, उनमें सबसे ज्यादा मौतें चंडीगढ़ में हुई हैं।
चंडीगढ़ में तीन अप्रैल तक कोरोना के 27853 केस थे, जबकि मौतें 382 दर्ज की गई हैं। दूसरे नंबर पर मणिपुर हैं। यहां पर कोरोना के 29415 केस दर्ज किए गए, जबकि 374 मौतें हैं।
तीसरे नंबर पर मेघालय हैं यहां 150 मौतें, चौथे नंबर पर सिक्किम में 135, पांचवें नंबर पर लद्दाख में 130 और नागालैंड में 92 मौतें दर्ज की गई हैं।