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पंजाब रेजीमेंट के दो जवान दुनिया के सबसे ऊंचे सियाचिन ग्लेशियर पर शहीद

लद्दाख (Ladakh) के सियाचिन में हिमस्खलन ( Avalanche) के दौरान सेना ( Indian Army ) के दो जवान शहीद हो गए। इंडियन डेफेंस (Indian Defence ) के सूत्रों के अनुसार, ये घटना रविवार दोपहर करीब एक बजे हनीफ सब-सेक्टर (Haneef Sub Sector )  में हुई। जब ड्यूटी पर तैनात जवानों के उपर बर्फ का पहाड़ आ गिरा, जिसमें कई जवान और पार्टर (Parterre) फंस गये।

लेकिन इस हादसे में पंजाब रेजीमेंट (Punjab Regiment ) के दो जवानों को बचाया नहीं जा सका। शाम सात बजे तक ही दोनों के शरीर (Dead Body) को ढूंढा जा सका, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

शहीद इंडियन आर्मी की 21वें पंजाब रेजीमेंट के सिपाही प्रभजीत सिंह पंजाब के मानसा जिले के हाकमवाला गांव (Village Hakamwala) के रहने वाले थे। उनके परिवार में माता-पिता और एक बड़ा भाई है।
सिपाही अमरदीप सिंह पंजाब के ही बरनाला जिले (Barnala District) के करमगढ़ गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में उनके पिता और एक छोटी बहन है। आज दोनों शहीदों के शव लेह से पंजाब में उनके पैतृक गांव (Ancestral village) पहुंचेगा।

हालांकि इस घटना के फौरन बाद शहीदों के परिवारों को सांत्वना देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोशल मीडिया हैंडल से टवीट् कर पंजाब रेजीमेंट के शहीद सिपाही प्रभजीत सिंह और अमरदीप सिंह के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का बात कही  है।

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वहीं डेफेंस सूत्रों ने बताया है कि हिमस्खलन के दौरान अन्य सैनिकों की हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं। काराकोरम पर्वत श्रृंखला में करीब 20,000 फुट की ऊंचाई वाले सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier) को दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र माना जाता है जहां चौबीसों घंटे (24×7 Hours) भारतीय सेना के जवान मुस्तैदी से अपने वतन की रक्षा कर रहे हैं। यहां भारतीय सेना की कई चौकियां हैं, जो 6400 मीटर की ऊंचाई पर भी स्थित हैं। ऊंचाई ज्यादा होने के कारण यहां ऑक्सीजन की कमी होने से सांस लेने में दिक्कत आती है।