कोरोना के कारण शहर में लगाई गई पाबंदियों के विरोध में चंडीगढ़ व्यापार मंडल आज सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि प्रशासक की वार रूम की बैठक में यह तय हो चुका है कि डीसी व्यापारियों की समस्याओं को जानने के लिए उनके सगठनों के साथ बैठक करेंगे, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि इसका कोई फायदा नहीं है।
मालूम हो कि प्रशासन ने शहर के व्यापारियों की मांग खारिज कर दी। प्रशासन की ओर से पाबंदियों को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। व्यापारी संगठन गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानों को खोलने की मांग कर रहे हैं।
व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासन को व्यापारियों के हित को ध्यान में रखकर फैसला लेना चाहिए था। जबकि प्रशासन के अपने सभी सरकारी कार्यालय खुले हैं ऐसी पाबंदियों का क्या फायदा।
उनका कहना है कि अगर अगले सप्ताह पाबंदियों को हटाते हुए व्यापारियों को राहत न दी गई तो आगे और भी बढ़ा प्रदर्शन किया जाएगा। बरिंदर कुमार नारद चंडीगढ़ व्यापार मंडल के सलाहाकार ने सेक्टर 15 डी की मार्केट में रोष प्रदर्शन किया और बताया कि दुकानों का किराया, बिजली का बिल, वर्करों की सैलरी, प्रापर्टी टैक्स, इंकम टैक्स और अन्य टैक्स भरने के लिए पेडिंग हैं। व्यापार के साथ साथ पांच छह परिवार जुड़े हैं। दरसअल वर्करों के परिवार भी हमारे काम काम से पल रहे हैं। ऐसे में दुकान बंद रखने से कारीगर और मालिक दोनों की बर्दाशत से बाहर हो रहा हैं। हम लगातार पिस रहे हैं। चंडीगढ़ के प्रशासक से अपील की हैं कि हमें भी इवन-ऑड नंबर पर दुकानों को खोलने की परमिशन दी जाएं।