देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) के लगातार आ रहे मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। कई राज्यों में इसकी वजह से लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में राज्यों ने इसे महामारी भी घोषित कर दिया है। ब्लैक फंगस एक फंगल बीमारी है जो दांत, आंख, नाक, मुंह के जरिए दिमाग तक फैल सकती है।
पीजीआई में शुक्रवार को ब्लैक फंगल के पांच नए मरीज भर्ती किए गए है। मौजूदा समय में पीजीआई में 21 ऐसे मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें पंजाब के सबसे ज्यादा 9 मरीज भर्ती हैं। वहीं हरियाणा के सात मरीजों का इलाज किया जा रहा है। उधर, जीएमसीएच- 32 में इसके 7 मरीज भर्ती हैं।
हेल्थ डॉयरेक्टर डॉ. अमनदीप कंग का कहना है कि इसके इलाज में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सरकार से भी इसकी मांग की जा रही है। उम्मीद है कि इसकी आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी। उन्होंने बताया कि कोरोना के मधुमेह ग्रस्त मरीजों को खास तौर पर ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि यह बीमारी स्टेरॉयड लेने के कारण उनमें तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में जरूरी है कि डॉक्टर के निर्देश के बिना स्टेरॉयड का सेवन न करें।
इनको है ज्यादा खतरा
- जिनको अनकंट्रोल्ड डायबीटीज uncontrolled diabetes हो
- स्टेरॉयड ले रहे हों
- लंबे वक्त तक आईसीयू में रहे हों
- किसी तरह का ट्रांसप्लांट हुआ हो
- वोरिकोनाजोल थेरेपी ली हो (एंटीफंगल ट्रीटमेंट)
उपचार और बचाव
- बचाव के लिए ये बेहद जरूरी है कि आप दिन में कम से कम दो से तीन बार ब्रश करे।
- कोरोना के मरीजों को टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद अपने पुराने टूथब्रश को बदल देना चाहिए
कैसे समझें कि ब्लैक फंगस ने अटैक कर दिया है?
- अगर आपको नाक में दिक्कत महसूस हो रहा हो।
- अगर आपको सिरदर्द हो।
- चेहरे के एक हिस्से में दर्द महसूस हो या वो सूज जाए।
- चेहरा सुन्न पड़ रहा हो।
- चेहरे का रंग बदल रहा हो।
- पलकें सूजने लगी हों।
- दांत हिलने लगे।
ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।