जीएमसीएच-32 में शनिवार रात कोरोना के चार मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में से तीन पंजाब जबकि एक चंडीगढ़ का रहने वाला था। परिवार वालों ने हॉस्पिटल प्रशासन पर आरोप है कि तूफान के कारण अस्पताल की बिजली गुल हो गई थी, जिसके कारण वेंटिलेटर बंद हो गए। इस वजह से मरीजों की जान गई।
अस्पताल की लापरवाही के खिलाफ परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज करवा दी है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि फिलहाल छानबीन की जा रही हैं। जांच के बाद लापरवाही सामने आती है तो दोषी के खिलाफ कढ़ी कार्यवाही की जाएगी।
पुलिस को दी शिकायत में पंजाब के तीनों मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि शनिवार देर रात आए तूफान के कारण हॉस्पिटल की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इस दौरान 15 बेड के आईसीयू यूनिट में लगाए गए वेंटिलेटर जनरेटर बैकअप की सुविधा न होने के कारण बंद हो गए। इससे वहां भर्ती कोरोना के गंभीर मरीजों की हालत बिगड़ गई। आनन फानन हॉस्पिटल ने वेंटिलेटर को जनरेटर से बिजली देने की कोशिश की लेकिन इतनी देर में तीन मरीजों ने तड़प तड़पकर दम तोड़ दिया।
वहीं मरीजों के परिवार वालों ने जब हॉस्पिटल की लापरवाही पर खुब हंगामा किया। जिसके बाद मौके पर मामले की जांच करने के लिए मैडिकल सुपरिटेंडेंट सुधीर गर्ग और सब डिवीजनल मेजिस्ट्रेट सतीश जैन पहुंंचे।
मैडिकल सुपरिटेंडेंट गर्ग ने बताया कि यहां पिछले दिनों पीएम केयर फंड से मिले 15 वेंटिलेटर स्थापित किए गए थे, जिनमें 30 मिनट का पावर बैक अप है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते भी पांच मरीजों की मौत पर परिवार वालों ने हंगामा किया था। जबकि जीएमसीएच-32 में 50 परसेंट मरीज बाहरी राज्यों से आते हैं जो बेहद गंभीर होने की हालत में यहां आकर भर्ती होते हैं। भारत भर में आईसीयू में भर्ती मरीजों की मौत की दर काफी अधिक है और जीएमसीएच -32 में भी ऐसा ही हुआ है।
हॉस्पिटल की डॉयरेक्टर प्रिंसिपल डॉक्टर राजबिंदर कौर द्वारा बताया गया है कि जिन 4 मरीजों की मौत हुई है, वह कोरोना संक्रमित थे। उनकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई थी। उनकी मौत स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के कारण हुई है। इसमें बिजली की समस्या किसी भी तरह से कारण नहीं था। जीएमसीएच 32 में बिजली की समस्या का मैैडिकल सर्विसेस पर कोई असर नहीं पड़ा है।