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एजेंट की गलती से बैंकॉक जेल में बिताएं 18 घंटे, अब मिला 50 हजार मुआवजा

अगर आप ट्रैवल कंपनी से बुकिंग करवा कर विदेश जाकर घुमने का प्लान बना रहें तो सावधान हो जाएं। ट्रैवल कंपनी की जरा सी चूक से कई गुणा नुकसान हो सकता है। कुछ ऐसा ही शुभम के साथ हुआ है।

23 साल के शुभम ने थाईलैंड जाने से पहले पूरी प्लानिंग कर रखी थी। ट्रैवलर कपंनी से चार दिन के ट्रिप को एन्जॉय करने के लिए शैड्यूल तैयार किया था, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वहां उसके बैंकॉक उतरते ही सारी मुसीबतें शुरू हो जाएगी।

उसे वहां पुलिस गिरफ्तार कर लेगी और 18 घंटे तक एयरपोर्ट जेल में एक कैदी की तरह व्यवहार करेगी। उसके साथ वहां पर जानवरों सा सलूक होगा, आखिर में उन्होंने इंडिया कॉल कर अगले दिन रिटर्न फ्लाइट टिकट करवाई और फिर उन्हें जेल से छोड़ा गया।

शुभम ने दैनिक भास्कर अखबार को इंटरव्यू के दौरान बताया कि 15 नवंबर 2019 को सुबह 8 बजे दिल्ली से मेरी फ्लाइट थी। थाईलैंड के समय मुताबिक मैं दोपहर 3 बजे बैंकॉक एयरपोर्ट पहुंचा। वहां मुझे इमिग्रेशन ऑफिसर ने रोक कर मेरी रिटर्न टिकट और होटल रिजर्वेशन चेक करवाने के बारे में पुछा। पर मैं तो यह सब ट्रैवलर कपंनी से बुकिंग करवा कर गया था। लेकिन डॉक्यूमेंट चेकिंग के दौरान मुझे झटका लगा। मुझे वहीं पता चला कि होटल रिजर्वेशन तो हुई ही नहीं है।

इमिग्रेशन ऑफिसर ने मेरी एक बात नहीं सुनी और मुझे एयरपोर्ट जेल भेज दिया। वहां का सीन बड़ा ही भयानक था, हर तरफ गंदगी थी। कई अन्य देशों के लोगों भी कैद थे। मेरे लिए एक मिनट भी गुजारना मुश्किल था। मुझे पानी तक नहीं दिया गया था। मेरा फोन भी स्विच ऑफ था। मैंने किसी से चार्जर मांगा लेकिन उस शख्स ने मुझ से करंसी मांगी, क्योंकि वहां हर चीज डॉलर में बिक रही थी।

वाईफाई पासवर्ड, साबुन और अन्य चीजें डॉलर में बिक रही थी। तभी एक इंडियन मेरी मदद के लिए आगे आया, उसने मुझे वाईफाई का पासवर्ड दिया। जिसके बाद मैंने इंडिया में अपने घरवालों को घटना की पुरी जानकारी दी। उस रात मैं खूब रोया। मैं वहां अपने आप को नर्क में देख रहा था। कोस रहा था कि मैंने यहां आने का प्लान क्यों बनाया। मेरे साथ वहीं एक 25-30 कैदियों को रखा हुआ था। सारी रात मैंने कुछ नहीं खाया और जमीन पर सुबकता रहा।

अगले दिन इंडिया जाने की मेरी टिकट कनफर्म हुई तो मुझे जेल से बाहर निकाला गया। मुझे फ्लाइट तक जानवर की तरह पकड़ कर ले जाया गया। इंडिया वापस आकर मैं सदमे में चला गया था। तीन दिन तक मैंने खुद को कमरे में बंद रखा। किसी से बात नहीं की। तब जाकर मैं नॉर्मल हुआ।

शुभम ने एडवोकेट मिनाल गर्ग और राहुल अग्रवाल के साथ बातचीत कर केस फाइल किया। जिहोंने बताया कि ये मेक माई ट्रिप कंपनी की गलती से हुआ था। उन्होंने मेक माई ट्रिप कंपनी की वेबसाइट से बुकिंग करवा रखी थी। कंपनी के खिलाफ स्टेट कंज्यूमर कमीशन में केस फाइल किया और अब वे केस जीत गए हैं। कमीशन ने कंपनी पर 50 हजार रुपए हर्जाना लगाया है और उन्हें जेल, फ्लाइट और अन्य जगहों पर खर्च हुए 42 हजार 308 रुपए रिफंड करने के भी निर्देश दिए हैं।