सोशल मीडिया पर आजकल एक फोटो को बडाा शेयर किया जा रहा है। इस फोटो में एक पुलिस वाले ने नन्हें से बच्चे को एक हाथ में उठाया है। अब फोटो देखने वाले पुलिस पर तमाम तरह के सवाल भी उठा रहे हैं। हम बताते है कि असली माजरा क्या है।
डेट 22 जून, दिन- मंगलवार, लोकेशन है- मेरठ का बेगमपुल चौराहा
जहां कुछ लोग नशे की हालत में लड़ पड़े। लेकिन वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिस के जवान बीच-बचाव के लिए आए, लेकिन पुलिस पर भी नशेडियों ने हमला कर दिया। इस घटना में दो पुलिसवाले चोटिल हो गए। वहीं इस घटना की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं इनमें एक पुलिसवाला अपने हाथ में बेपरवाही से मासूम को पकड़े दिख रहा है। बताया जा रहा है कि बच्चा उन्हीं लोगों का है, जिन्होंने पुलिस पर हमला किया था।
क्या है मामला?
इंडिया टुडे मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया जा रहा है कि बेगमपुल के डिवाइडर पर कुछ गरीब परिवार रहते हैं। ये लोग शराब के नशे में आपस में मारपीट कर रहे थे। इसी दौरान टै्रफिक पुलिस बीचबचाव के लिए गई तो उनके साथ भी विवाद हो गया। आरोप है कि इन्होंने पुलिस की वर्दी फाड़ दी, बैज खींच दिए। जब पुलिस बुला कर आरोपियों को जीप में बैठाने लगी तो लडऩे वालों के परिवार की महिलाएं भी पुलिस पर ईंट पत्थर फेंकने लगीं और गिरफ्तारी का विरोध जताने लगीं। उनके साथ बच्चे भी थे। बच्चों को उन्होंने सडक़ पर बैठा दिया था। ये तस्वीरें उसी दौरान की हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान महिलाओं ने हंगामा मचाया।
सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ गुस्सा
इस मामले को लेकर मेरठ पुलिस के खिलाफ यूजर काफी गुस्से में हैं। तरह तरह के कॉमेंट पुलिस पर किए जा रहे हैं। कुछ लोग महिला पुलिसकर्मी क्यों नहीं हैं? यह भी पुछ रहे हैं।
वहीं मेरठ के एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया है कि अखबारों और सोशल मीडिया पर दिख रहा है कि पुलिस ने बच्चे को उठाया और सावधानी नहीं रखी, जबकि सच ये है कि लालकुर्ती थानाक्षेत्र में दो गुटों के बीच झड़प हुई थी।
#Meerutpolice दिनांक 22.06.2021 को बेगमपुल थाना क्षेत्र लालकुर्ती में नशे में कुछ लोगो द्वारा पुलिस के साथ मारपीट कर पत्थर फेंकने व पुलिस द्वारा छोटे बच्चे को उठाने को लेकर वायरल हो रहे फोटो के सम्बन्ध में #spcitymeerut द्वारा दी गयी बाइट । pic.twitter.com/kNHKnIJWF9
— MEERUT POLICE (@meerutpolice) June 23, 2021
इन लोगों ने अपने बच्चों को भी सडक़ पर यूं ही छोड़ दिया था। पुलिस ने तो बच्चे की सुरक्षा के लिए उसे उठाया था। फिर भी अब इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है कि किन परिस्थितियों में बच्चे को उठाया गया था।
वहीं मामला बढऩे के बाद पुलिस ने बच्ची की मां साबरवती को बुलाया गया जिसने बताया कि 22 जून को लड़ाई में दो लोग शराब पीकर लड़ाई कर रहे थे। उसी के बीच में मेरी बच्ची आ गई थी। पुलिस ने मेरी बच्ची की जान बचाई। मेरी बच्ची को कहीं चोट नहीं लगी है।