पंजाब में भीषण गर्मी के बीच चौकाने वाली खबर मिली है। मानसून में देरी के चलते बांधों में पानी का लेवल कम होने के कारण बिजली का उत्पादन घट रहा है। आंकड़ों के मुताबिक 600 मेगावाट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसके चलते वीरवार को कुल 2620 मेगावाट बिजली उत्पादन में कमी रही।
वहीं भाखड़ा डैम के वाटर लेवल में 56.9 फुट की गिरावट आई है। 2020 में इसका लेवल 1581.50 फुट था, जो इस साल 1524.60 फुट पहुंच गया है। वाटर लेवल गिरने से बिजली उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इसी डैम से पंजाब को 194 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई की जाती है।
अभी भी पंजाब में धान की रोपाई और भीषण गर्मी के बीच बिजली की मांग में जबरदस्त मांग बनी हुई है। राज्य में 13821 मेगावाट से अधिक बिजली की मांग पहुंच गई है, जबकि पंजाब के पास अभी सिर्फ 12800 मेगावाट बिजली की व्यवस्था है।
लगभग 1000 मेगावाट की हर रोज कमी से प्रदेश को जुझना पड़ रहा है। इसके लिए पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) हर रोज जिलों में कट लगा कर पुरा कर रहा है।
बिजली के संकट से उबरने के लिए पीएसपीसीएल के सीएमडी ए. वेणु प्रसाद ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को पत्र लिखकर बिजली उत्पादन बढ़ाने का अनुरोध किया था लेकिन डैम का पिछले साल के मुकाबले वाटर लेवल घटने के कारण बिजली उत्पादन पर असर पड़ रहा है।
12 करोड़ की खरीदी जा रही बिजली
बिजली संकट से उबरने के लिए पीएसपीसीएल पंजाब में हर रोज 12 करोड़ रुपये से 1000 मेगावाट की बिजली खरीद रहा है। पंजाब सरकार ने किसानों को सुचारु बिजली आपूर्ति के लिए पीएसपीसीएल को 300 करोड़ रुपये जारी किए हैं। धान की रोपाई सीजन में किसानों को पीएसपीसीएल की ओर से लगभग 10 घंटे की बिजली आपूर्ति की जा रही है। भाखड़ा परियोजना कुल 1379 मेगावाट विद्युत का उत्पादन करती है।