केंद्र सरकार के तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में पंजाब में पैदा हुए हालातों ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आए दिन पंजाब में भाजपा नेताओं का विरोध हो रहा हैं। अब रविवार की रात पटियाला के राजपुरा में कई भाजपा नेताओं को किसानों ने बंधक बना लिया । यही नहीं, जब इसके विरोध में पंजाब भाजपा के प्रवक्ता प्रेस कान्फ्रेंस करने पहुंचे तो किसानों ने उन्हें भी घेर लिया।
देर रात जब मामला पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा तो सुबह करीब 3 बजे भाजपा नेताओं को वहां से निकाला जा सका। लगभग 12 घंटे बाद किसानों के चुंगल से भाजपा नेताओं को पुलिस ने बाहर निकाला। इसके विरोध में आज भाजपा जालंधर समेत पंजाब में अन्य जगहों पर प्रदर्शन कर रही है।
राजपुरा में उग्र हुए किसान, कई बीजेपी नेताओं को बनाया बंधक#Rajpura #KisanAndolan pic.twitter.com/8R6G3cI0VI
— Panchkula Samachar (@pklsamachar) July 12, 2021
आप को बता दें कि रविवार को राजपुरा की गुरु अर्जन देव कॉलोनी के भाजपा कार्यकर्ता डॉ. अजय चौधरी के घर में चाय पीने के लिए पहुंचे। सूचना मिलते ही 300 के करीब किसान वहां पर पहुंच गए और भाजपा कार्यकर्ता का घर चारों तरफ से घेरकर उन्हें बंधक बना लिया।
यह भीड़ बीजेपी के खिलाफ नारे लगा रही थी। इसके चलते बीजेपी के नेताओं को घर में ही कैद रहना पड़ा । भाजपा प्रदेश महासचिव सुभाष शर्मा, जिला प्रभारी भुपेश अग्रवाल, जिलाध्यक्ष देहाती विकास शर्मा, शहरी जिलाअध्यक्ष हरिन्द्र कोहली, जिला उपाध्यक्ष प्रदीप नंदा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों सहित 15 के करीब भाजपा नेताओं व कार्यकर्त्ताओं समेत परिवार को बंधक बना दिया।
इतना ही नहीं किसान नेताओं ने जहां केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, कार्यकर्ता के घर की बिजली की लाइन भी काट दी। सूचना पुलिस को मिलने पर भाजपा कार्यकर्ता का घर पुलिस छावनी में तबदील हो गया।
किसान नेताओं को समझाने के लिए एडीजीपी ला एंड आर्डर खुद पहुंचे, लेकिन किसान पीछे हटने को बिल्कुल ही तैयार नहीं थे। रात करीब पौने तीन बजे किसान नेता भाजपा नेताओं से बैठक के लिए राजी हो गए। डीसी 12 किसान नेताओं को भाजपा नेताओं के साथ बैठक करने के लिए अंदर ले गए। वहीं, किसानों ने आसपड़ोस के घरों की छतों पर भी डेरा जमाया हुआ था, ताकि कोई भी पीछे से न निकल सके। बंधक लोगों में तीन महिलाओं, दो बच्चों सहित 17 लोग शामिल थे।
इस मामले को लेकर अब आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। किसानों का कहना है कि भाजपा के OBC मोर्चा के प्रधान जरनैल सिंह कंबोज ने पिस्तौल दिखा उन्हें डराने की कोशिश की। इसी वजह से किसान भड़के।