पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच पार्टी के नवनियुक्त प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने आज बुधवार की सुबह अमृतसर में पहली बैठक बुलाई है। सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 62 विधायक सिद्धू के घर पहुंच चुके हैं।
इससे पहले सिद्धू ने पिछले दिनों लगातार कांग्रेसी मंत्रियों, विधायकों और सीनियर नेताओं के साथ मेल-मिलाप की अपनी मुहिम को जारी रखा था। अमर उजाला की न्यूज़ के मुताबिक इस मुहिम का ही असर है कि सोमवार को कैप्टन के आवास पर उन्हें समर्थन देने पहुंचे विधायक राजकुमार वेरका मंगलवार को अमृतसर में सिद्धू के साथ नजर दिखें।
About 62 MLAs arrive at Punjab Congress President Navjot Singh Sidhu’s residence in Amritsar: Sidhu’s Office pic.twitter.com/G03RiYcNSy
— ANI (@ANI) July 21, 2021
ऐसे में अगर देखा जाएं तो कैप्टन के खेमे में समर्थकों की गिनती कम होती आ रही है। प्रदेश के ज्यादातर मंत्री और विधायक अब सिद्धू की नियुक्ति पर आलाकमान के फैसले को सही ठहरा रहे हैं। हालांकि, पार्टी की दिग्गज टकसाली नेता अभी भी खामोश हैं। उन्होंने सिद्धू की नियुक्ति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बीते चार दिनों में सिद्धू की सरगर्मी और कैप्टन की खामोशी ने साफ कर दिया है कि पंजाब में कांग्रेस दोफाड़ हो चुकी है। सिद्धू पूरी पार्टी को अपने पक्ष में एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं तो कैप्टन माफी वाली शर्त पूरी होने तक किसी भी कीमत पर आलाकमान के फैसले को मानने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। वहीं कैप्टन के प्रति सिद्ध के रवैये में भी कोई बदलाव नहीं आया है। सिद्धू अभी तक न तो कैप्टन से मिले और न ही किसी मौके पर उन्होंने कैप्टन का जिक्र किया। वहीं, कैप्टन की खामोशी को लेकर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, क्योंकि पंजाब में कांग्रेस सरकार की कमान और विधायक दल की कमान उनके ही हाथ में है।