पंचकूला के साथ प्रदेश भर में आज से छठी से आठवीं कक्षा तक के स्कूल खुल गए हैं। इससे पहले 16 जुलाई को 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए स्कूलों को खोला गया था। लेकिन केवल 50 प्रतिशत बच्चों को ही स्कूल में बुलाया गया है। वहीं माता पिता की लिखित सहमति देनी जरूरी होगी।
शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों को साइकिल से आने और अपने घर से पीने का पानी लाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही बच्चों को मिड डे मील भी नहीं मिलेगा। कक्षा में डेस्क पर बच्चे का नाम अंकित होगा और आने और जाने के लिए अलग-अलग दरवाजों का प्रयोग करना होगा। एक कक्षा में 30 से अधिक बच्चे नहीं बैठ पाएंगे।
आपको बता दें कि इस समय प्रदेश में कोरोना के केस कम हो गए हैं। इसी चलते अब अन्य कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं। हालांकि, अभी पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल नहीं खोले गए हैं।
सरकारी स्कूलों में छठी कक्षा में 210977, 7वीं में 195643 और 8वीं कक्षा में 199971 विद्यार्थी हैं। जबकि प्राइवेट स्कूलों में छठी से 8वीं तक 7 लाख छात्र हैं यानी करीब 13 लाख विद्यार्थियों में से 50 फीसदी यानी 6.5 लाख छात्र रोजाना स्कूल जाएंगे। फिलहाल प्राइमरी स्कूल खोलने को लेकर किसी तरह का निर्णय नहीं लिया है।
स्कूलों को एसओपी का पालन जरूरी
वहीं प्रदेश के शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूलों को कोविड-19 नियमों का पालन अवश्य रूप से करना होगा। अगर किसी विद्यार्थी का तापमान अधिक मिलता है तो उसे स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं, अभी तक सिर्फ 49 फीसदी स्कूलों ने ही स्टाफ के वैक्सीनेशन का डेटा अपलोड किया है।
इन नियमों का पालन करना अनिवार्य
मास्क के बिना स्कूल में इंट्र्री नहीं होगी।
स्कूल में आने के लिए माता/पिता की लिखित सहमति आवश्यक है।
स्कूल परिसर में छात्र किसी अन्य छात्र से किसी भी सामग्री का आदान-प्रदान नहीं करेंगे।
दूसरे छात्र से हाथ नहीं मिलाना है।
कोई भी छात्र न तो अपनी सीट बदल सकता है और न ही किसी दूसरी कक्षा में जा सकता है।
अपने साथ पीने का पानी लेकर आएं।
यदि किसी छात्र को लगता है कि उसकी तबीयत ठीक नही है/बुखार है तो वह स्कूल न आए।
एक से दूसरे बच्चे के बीच 6 फीट की दूरी बनाना अनिवार्य होगी।
एक कमरे में 15 से अधिक स्टूडेंट नहीं बैठाए जाएंगे।