टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। भाला फेंक में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक हासिल किया है। उन्होंने भारत को टोक्यो ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक दिलाया। इससे पहले अभिनव बिंद्रा ने 2008 के ओलंपिक में भारत के लिए पहले व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाया था। बीजिंग ओलंपिक में पुरुषों की एयर राइफल स्पर्धा में जीत दर्ज की थी।
स्टार भाला फेंक (जैवलिन थ्रोअर) नीरज चोपड़ा ने आज फाइनल मुकाबले में धमाकेदार शुरुआत की। उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर का थ्रो किया। दूसरे प्रयास में और शानदार थ्रो किया। उन्होंने 87.58 मीटर दूर भाला फेंका।
नीरज चोपड़ा का तीसरा प्रयास में थ्रो ज्यादा दूर नहीं गया। वह 76.79 मीटर दूर ही भाला फेंक पाए। नीरज का सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर रहा है। चौथा प्रयास फाउल रहा। वहीं पांचवें प्रयास में फाइनल में 12 एथलीट हिस्सा लिया। हर एथलीट को 6 प्रयास किए।
बता दें कि नीरज ने क्वालीफिकेशन राउंड के पहले प्रयास में ही 86.65 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई कर भारत की पदक की उम्मीदें बढ़ा दी है।
भाला फेंक में 23 वर्षीय नीरज ने ओलंपिक स्टेडियम में ग्रुप ए क्वालीफिकेशन राउंड के अपने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो किया। इस थ्रो से नीरज ने 83.50 मीटर के ऑटोमेटिक क्वालीफाइंग अंक को हासिल किया था।
नीरज ने जर्मनी के जोहानेस वेटेर को पीछे छोड़ा था जो स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। जोहानेस ने भी हालांकि, 85.64 मीटर का थ्रो कर ऑटोमेटिक क्वालीफिकेशन हासिल किया था।
नीरज ने मार्च में इंडियन ग्रां प्री में 88.07 मीटर के नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ अपने सीजन की शुरूआत की थी और इसके बाद फेडरेशन कप में 87.80 मीटर थ्रो के साथ एक और सराहनीय प्रदर्शन किया था।
बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में भारत 7 मेडल जीत रिकार्ड दर्ज कर लिया है। भारत ने लंदन ओलंपिक-2012 में भी 6 मेडल अपने नाम किया था। वहीं टोक्यो ओलंपिक में भारत ने एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य सहित कुल 7 पदक अपने नाम किया है।
कौन हैं नीरज चोपड़ा
हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में एक छोटे से किसान के घर पर 24 दिसंबर 1997 को नीरज का जन्म हुआ था। नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की। नीरज ने 2016 में पोलैंड में हुए IAAF वर्ल्ड U-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था, जिसके बाद उन्हें आर्मी में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी।
सेना में नौकरी मिलने के बाद नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘मेरे पिता एक किसान हैं और मां हाउसवाइफ हैं और मैं एक ज्वॉइंट फैमिली में रहता हूं। मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं है। इसलिए सब मेरे लिए खुश हैं।’ उन्होंने आगे कहा था, ‘अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं।’
23 साल के नीरज अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी वर्ल्ड लेवल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं. उन्होंने IAAF वर्ल्ड U-20 में गोल्ड जीता था. साल 2016 में उन्होंने साउथ एशियन गेम्स में 82.23 मीटर का थ्रो कर गोल्ड जीता. इसके बाद 2017 में उन्होंने 85.23 मीटर का थ्रो कर एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता था.