पंचकूला का नाम जिस इंडस्ट्री ने देश-दुनियां में रोशन किया वह आज भी नगर निगम की अनदेखी का शिकार है। ऐसा नहीं है कि पिछले दस साल में यहां की सड़कें नहीं बनी हैं, लेकिन सड़कों के बनने के बाद इनकी तरफ ध्यान नहीं दिया गया, जिससे दिनों दिन सड़कों की हालत दयनीय होती चली गई।
मौजूदा स्थिति यह है कि यहां से वाहनों का गुजरना तो दूर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। पंचकूला के इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 और 2 के अलावा सेक्टर-8, 9, 16, 17 के गोल चक्कर के आसपास सेक्टर-8 की तरफ बारिश के पानी की समस्या के समाधान के लिए पंचकूला नगर निगम पिछले 5 साल में करोडों रुपये खर्च कर चुका है। लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं है।
फेज-1 और 2 में सडक़ों की ऐसी हालत किसी गांव के बीच से गुजरती सडक़ से भी बदतर बनी हुई। करोडों रुपए के इंडस्ट्रियल प्लॉट के बीच कीचड़ से भरी सडक़ एरिया के डेवलपमेंट पर सवालिया निशान लगा रही है।
कीचड़ के इस तालाब को देखकर नहीं लगता है कि यहा कोई सडक़ भी बनी है। ऐसे में दोपहिया वाहन भी कीचड़ से भरी सडक़ से बचकर फुटपाथ से निकलने में अपनी भलाई समझ रहे हैं।
रामू मौर्य ने पंचकूला समाचार को बताया कि यहां बारिश के पानी की निकासी के लिए पाइप डाली गई थी जिसे आगे ड्रेनेज पाइप से कनेक्ट ही नहीं किया गया है। इस वजह से नई डाली गई पाइप बारिश के पानी से भरने पर यह पानी बैक मारने लगती हैं। पूरी गली में पानी भर जाता है। पानी गलियों में खड़े होने से कई आने-जाने वालों के वाहन रूक जाते हैं।
उन्होंने नगर निगम से अपील की है कि इन एरिया में लोगों की दिक्कत को दूर किया जाएं।