चंडीगढ़ में व्हीकल्स की बढ़ती तदाद हवा को जहरीला बना रही हैं। यहीं नहीं हर बड़े सिटी में पॉल्यूशन आम जनता को बीमार कर रहा है। लेकिन अब सेक्टर 26 के ट्रांसपोर्ट चौक पर एयर प्यूरीफायर टॉवर का कंस्ट्रक्शन वर्क पूरा हो चुका है। जिस पर चंडीगढ़ के ओपनहैंड, रॉक गार्डन और कलरफुल पेंटिंग्स की गई हैं।
आप को यह भी बता दें कि अगर रिजल्ट बेहतर रहे तो चंडीगढ़ सिटी में आठ ऐसे टॉवर लगाने की प्लानिंग बन रही है।
पॉयस एयर प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट हेड मनोज जेना ने बताया कि इस स्मार्ट एयर प्यूरीफायर टॉवर को लगाने के लिए 16 फरवरी को भूमि पूजन हुआ था, 12 जुलाई को इसके निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। अब यह टॉवर अप्रैल में पुरी तरह से काम करना शुरू कर देगा।
24 मीटर का एयर प्यूरीफायर टॉवर पर 18 फीट पर दी गई नोजल 500 मीटर दायरे की हवा को खींचेगी। फिर 24 फीट पर टॉवर के ऊपरी हिस्से से वापस वातावरण में साफ हवा को छोड़ेगी। यह चक्र लगातार चलता रहेगा। जेना ने बताया कि इस चौक के आसपास की आबोहवा तो साफ होगी बल्कि इसके दायरे में तापमान भी 5 से 6 डिग्री कम हो जाएगा।
प्यूरिफाई एयर का होगा रियल टाइम डिसप्ले
प्रोजेक्ट हेड मनोज जेना ने बताया कि टावर पर ही डिस्प्ले स्क्रीन इंस्टाल होगी। स्क्रीन पर यह रियलटाइम डिसप्ले होगा कि जो हवा अंदर खींच रहा है उसमें प्रदूषण की कितनी मात्रा है और फिर सिस्टम से होकर गुजरने वाली वापस छोड़ी जा रही हवा कितनी शुद्ध है। इसकी आपरेशन मेंटेनेंस का जिम्मा भी उनकी कंपनी का ही होगा।
यहां पर भी लग सकते हैं ऐसे टॉवर
* सेक्टर-8-17 लाइट प्वाइंट के पास
* सेक्टर-17 नीलम सिनेमा के पास
* हल्लोमाजरा चौक
* डंपिंग ग्राउंड साइट डड्डूमाजरा
* ट्रिब्यून चौक
* इंडस्ट्रियल एरिया
आखिर सिटी में टॉवर लगाने की क्यों जरूरत पड़ी ।
आप को बता दें कि चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी कर लेवल अब हर साल ज्यादा पॉल्यूशन दर्शा रहा हैं। नवंबर-दिसंबर में यह 400 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच जाता है। कुल भौगोलिक एरिया का 47 फीसद ग्रीन कवर होने के बावजूद यह हाल है। राजस्थान की धूल भरी हवाओं की वजह से 2016 में एक बार यह 900 तक भी पहुंच चुका है। इंडस्ट्रियल एरिया, ट्रिब्यून चौक, ट्रांसपोर्ट चौक, डंपिंग ग्राउंड साइट के आस-पास का एरिया शहर में सबसे ज्यादा पॉल्यूशन वाला है। एक सर्वे अनुसार ट्रिब्यून चौक से 24 घंटे में एक लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। अब यह संख्या ओर भी बढ़ती जा रही है।