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PGI में बना उत्तर भारत का दूसरा Human Milk Bank

चंडीगढ़ PGI में शुरू हुआ उत्तर भारत का दूसरा ह्यूमन मिल्क बैंक। इस बैंक का मुख्य उदेश्य उन शिशुओं को दूध उपलब्ध करवाना हैं , जो किसी कारण वर्ष माँ के दूध से वंचित रह जाते हैं। ऐसा कई बार पाया गया हैं की डिलीवरी के पश्चात माता को दूध न बनना या दूध में इन्फेक्शन होने के कारण शिशु माँ के दूध से वंचित रह जाता हैं। पीजीआई ने वीरवार को इस समस्या के समाधान हेतु ह्यूमन मिल्क बैंक की शुरुआत की। बैंक के उद्घाटन में पूर्व निर्देशक एवं पूर्व पीडियाट्रिक विभाग के एचओडी प्रोफेसर बीएनएस वालिया और पूर्व एचओडी पीडियाट्रिक और नियोनेटोलॉजी विभाग के प्रोफेसर ओएन भाकू शामिल हुए ।

स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद ही बैंक में रखा जाएगा दूध

पूर्व निदेशक प्रो. बीएनएस वालिया ने ह्यूमन मिल्क बैंक के बारे में बताया कि ह्यूमन मिल्क बैंक में उन माताओं का दूध इक्ट्ठा किया जाएगा, जोकि स्तनपान कराने में सक्षम हैं। उनके दूध की हाईटेक मशीनों से पहले स्क्रीनिग की जाएगी। स्क्रीनिग में यह देखा जाएगा कि क्या एक दूसरी मां का दूध दूसरे के नवजात शिशु के लिए ठीक है या नहीं। जिस दूध को मिल्क बैंक में स्टोरेज किया जाएगा, उस दूध में किसी प्रकार का कोई संक्रमण तो नहीं है।

डेथ रेट होगा डिक्रीज

पूर्व एचओडी प्रो. ओएन भाकू ने कहा कि अकसर यह देखने में आया है कि जो मां डिलीवरी के बाद अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती है। उसके शिशु में आसानी से कोई संक्रमण रोग, बीमारी या रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे में इस ह्यूमन मिल्क बैंक के जरिए नवजात को मां का दूध देकर उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता न केवल मजबूत होगी, बल्कि मां के दूध के जरिए शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में जो बेहद जरूरी तरल प्रदार्थ तत्व होते हैं, उसे आसानी से मिल सकेगा। नवजात शिशुओं की मृत्यु दर भी कम होगी।