चंडीगढ़ प्रशासन अब बिजली कर्मचारियों पर सख्ती से पेश आएगा । प्रशाशन अब बिजली विभाग के पक्के कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करेगा । साथ ही कच्चे कर्मचारियों की नौकरी भी जा सकती है । वहीं ESMA के तहत भी कार्रवाई होगी। बिजली व्यवस्था को बाधित करने और बिजली प्रणाली को नुकसान पहुंचाने वाले ठेका कर्मियों द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन के आदेशों की उल्लंघना करने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
कर्मचारियों के खिलाफ हुई एफआईआर दर्ज
बिजली कर्मचारियों पर ESMA एक्ट को तोड़ने पर एफआईआर दर्ज की गई है> सप्लाई को रोकने वाले कर्मचारियों की पहचान की जा रही है । चंडीगढ़ के डीजीपी को मामले में जल्द जांच के लिए कहा गया है। बिजली प्रणाली को हुए नुकसान को जांचने के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक कमेटी भी बनाई गई है। 15 दिनों में वह अपनी रिपोर्ट देंगे।
6 महीने के लिए लागु हुआ ESMA
प्रशासन ने कहा है कि यूनियन की मांगों को लेकर प्रशासन के साथ बैठकें हो रही थीं। इसके बाद भी वह हड़ताल पर जाने के लिए अड़े रहे और 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए। सेक्टर 16 और 32 के गर्वमेंट हॉस्पिटल समेत शहर के बाकी हिस्सों में 21 फरवरी की आधी रात को बिजली खराब हो गई थी। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई थी। इसके बाद प्रशासन ने 6 महीने के लिए द इसेंशियल सर्विसेज(मेंटेनेंस) एक्ट (ESMA) लागू कर दिया था।
डबल स्टैंड पर हाई कोर्ट ने लगाई क्लास
हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रशाशन के डबल स्टैंड पर उनकी क्लास लगाई थी । वहीं ओझा हाईकोर्ट में बिजली सेवाएं प्रभावित करने वाले कर्मियों पर भी सही से जवाब नहीं दे पाए थे। ऐसे में हाईकोर्ट ने डीसी विनय प्रताप सिंह को मामले में पेश हाेने और रिपोर्ट सौंपने को कहा था। साथ ही कहा था कि सलाहकार धर्मपाल को भी समन किया जा सकता है। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया।