ईवी पॉलिसी में सबसे ज्यादा जोर ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया जाएगा।पॉलिसी जारी होने के दो साल अंदर ऐसे 100 चार्जिंग स्टेशन सेटअप किए जाएंगे।यह प्वइंट शहर के हर सेक्टर के पेट्रोल पंप पर इनस्टॉल किए जाएंगे। जिन पंप वालो के पास इसे लगाने के लिए जगह नहीं होगी , उन्हें यह प्वइंट पास की पार्किंग में लगाना होगा ।
मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये होगा टाइम कंज्यूम
साथ ही इसमें मोबाइल एप्लीकेशन बेस्ड आइटी प्लेटफार्म को तैयार किया जाएगा।मोबाइल एप्लीकेशन बेस्ड आइटी प्लेटफार्म तैयार होगा। इस सुविधा से पता चलेगा की किस चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज करने के लिए कितने स्लॉट खाली हैं। जिससे उसे चार्जिंग प्वाइंट तक पहुंचने में आसानी होगी। ऐसा इसलिए ताकि वाहन चालक किसी चार्जिंग स्टेशन पर पहुंचे और वहां पहले से ही कोई ईवी चार्ज होने से परेशानी न हो।
स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा
ईवी पॉलिसी ड्राफ्ट में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में शोध और नई खोज पर फोकस कर एंटरप्रिन्योरशिप को बढ़ावा दिया जाएगा। स्टार्टअप को इंसेंटिंव भी दिया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर इंसेंटिव की कैटेगरी में मासिक आधार पर प्रति सीट तीन हजार रुपये की ग्रांट मिलेगी। यह अधिकतम 18 हजार रुपये रहेगा। पांच साल के अंदर जीरो एमिशन से संबंधित दस स्टार्टअप को यह ग्रांट मिलेगी। दूसरी कैटेगरी पेटेंट की रहेगी। इसमें अगर कोई पेटेंट राष्ट्रीय स्तर का होगा तो उस पर दो लाख और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पेटेंट के लिए पांच लाख रुपये का इंसेंटिव मिलेगा। यह 10 पेटेंट को ही मिलेगा।