चंडीगढ़ में भारत बंद का असर साफ़ तौर पर देखने को मिला है । लगभग सभी विभागों ने निजीकरण सहित अन्य मांगों के लिए हड़ताल करी हुई है । कई ज़रूरी सेवाएं इस हड़ताल से प्रभावित हुई हैं । इस हड़ताल में चंडीगढ़ बिजली विभाग कर्मी, बैंकिंग स्टाफ, एलआईसी, इनकम टैक्स विभाग कर्मी, ट्रांसपोर्टेशन विभाग आदि से जुड़े कर्मी शामिल हुए हैं। साथ ही डाक विभाग के कर्मचारियों ने भी सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों का विरोध जताया ।
निजीकरण का किया विरोध
बैंक ऑफ इंडिया कर्मचारी यूनियन के उप सचिव गुरबख्श सिंह ने बताया कि प्राइवेटाइजेशन समेत कई मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके साथ ही बैंकों में पर्याप्त स्टाफ नहीं रखा जा रहा है। आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति न होने से बैंकों में लोगों के काम भी प्रभावित हो रहे हैं। हड़ताल में कई ट्रेड यूनियनें शामिल हैं। इस हड़ताल में लेबर लॉ में भी बदलाव करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल से सरकार पर प्रभाव पड़ेगा और उन्हें दोबारा अपने फैसलों पर विचार करना पड़ेगा।
लाभ में होने के बाद भी हो रहा निजीकरण
सरकार द्वारा लाभ देने वाले विभागों का भी निजीकरण किया जा रहा है । जिसके लिए लाभ देने वाले बैंकों को नुक्सान में दिखाया जा रहा है । संजय सिन्हा नामक कर्मचारी नेता ने बताया कि इस दो दिन की हड़ताल में सभी ट्रेड यूनियन शामिल हो रही हैं । मजदूर विरोधी नीतियों को खत्म करने के लिए यह हड़ताल रखी गई है । पोस्ट ऑफिस विभाग की कर्मचारी यूनियन, बिजली यूनियन, इंटक, बैंक यूनियनें और कई अन्य कर्मचारी संगठन इस हड़ताल का हिस्सा हैं ।