लुधियाना शहर को जोड़ने वाली लाइफ लाइन जगराओं पुल का एक हिस्सा बंद होने की परेशानी से अभी शहर उबरा भी नहीं कि अब गिल फ्लाइओवर के भी क्षतिग्रस्त होने की वजह से इसे बंद कर दिया गया। रविवार देर रात करीब 10 बजे लैंड फिलिंग के कारन गिल फ्लाईओवर की स्लैब गिर गयी। गनीमत रहा की हादसे में कोई जान मान की हानी नहीं हुई और बड़ा हादसा होने से टल गया। सुचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैफिक को दूसरे तरफ से डाइवर्ट कर दिया गया।
फ्लाई ओवर बंद होने से लगा ट्रैफिक जाम
रविवार रात गिल चौक फ्लाई ओवर पर ट्रैफिक की आवाजाही रोक दी गई थी। सुबह जैसे ही लोग अपने घरों से ऑफिस और अन्य कामों के लिए निकले तो गिल चौक फ्लाई ओवर के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइनें लग गई। इसकी वजह से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शहर से बाहर और बाहरी जिलों से लुधियाना आने वाले लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पुलिस के पास अभी तक कोई डायवर्जन प्लान नहीं है।
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पुलिस ने ढोलेवाल की तरफ गिल फ्लाई ओवर से पहले ही प्रताप चौक फ्लाई ओवर को भी बंद कर दिया। वहीं नगर निगम ने पुल की रिपेयर के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अफसरों से संपर्क कर लिया है। इसके बाद नेशनल हाई वे अथॉरिटी ने एलिवेटिड रोड बनाने वाली कंपनी के अफसरों को मौके पर भेज दिया। कंपनी ने भी क्षतिग्रस्त हिस्से के आसपास बेरिकेटिंग कर दी ताकि उस तरफ कोई वाहन न जा सकें नगर निगम बीएंडआर ब्राच के अफसर मौके पर पहुंच गए। सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर धर्म सिंह ने बताया कि पुल को नेशनल हाईवे अथॉरिटी को सौंप दिया गया है। उन्हें इस पुल को जल्दी रिपेयर करवाने को कहा गया है।
आप इन रास्तों का करें इस्तेमाल
अगर आपको बस स्टैंड से समराला चौक की तरफ जाना है तो आप गिल चौक से होकर प्रताप चौक से होते हुए चीमा चौक और फिर समराला चौक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप भारत नगर चौक से फव्वारा चौक फिर लक्कड़ पुल, वहां से होकर जालंधर बाइपास और फिर समराला चौक तक पहुंच सकते हैं। इसी तरह अगर आपको चंडीगढ़, दिल्ली या पटियाला की तरफ जाना है तो आप साउदर्न बाइपास से होते हुए साहनेवाल और वहां से चंडीगढ़, दिल्ली और पटियाला के लिए निकल सकते हैं।
बसों की बढ़ी मुसीबत
बस में सफर करने वाले लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि बसों का शहर से बाहर जाने का एक-एक रास्ता गिल पुल ही है। लिहाजा अब बसों को भी अपना रूट बदलना पड़ेगा। जिसका खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ेगा।