एफआरएआई ने कैट की रथयात्रा का लुधियाना में किया स्वागत
देशभर के 4 करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम खुदरा दुकानदारों के प्रतिनिधि संगठन फेडरेशन ऑफ रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआरएआई) ने आज कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की रथयात्रा का लुधियाना पहुंचने पर स्वागत किया।
वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के विरोध में देशभर के व्यापारियों ने 90 दिन की रथयात्रा का एलान किया है, जो आज लुधियाना पहुंची। एफआरएआई ने इंटरनेट मार्केटिंग कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली डीप डिस्काउंटिंग, लॉस फंडिंग और मार्केट कन्संट्रेशन रणनीतियों के कारण लाखों परिवारों की आजीविका पर आसन्न खतरों को देखते हुए भारत सरकार से वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा रद करने की अपील की है।
एफआरएआई अध्यक्ष श्री राम आसरे मिश्रा ने कहा, भारत में असंगठित खुदरा क्षेत्र रोजगार सृजन के मामले में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। बहुत से खुदरा दुकानदार आर्थिक रूप से निचले तबके से आते हैं। साथ ही ये अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले व्यक्ति होते हैं, जो दो वक्त की रोटी और परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं। इन खुदरा दुकानदारों के लिए अर्थपूर्ण रोजगार मिलना बेहद कठिन होता है और वे जीवन यापन के लिए इन्हीं छोटे रोजगारों पर निर्भर होते हैं। खुदरा दुकानदार देर तक काम करते हैं। इनमें से ज्यादातर दुकानदार हफ्ते में सातों दिन सुबह सूरज उगने से लेकर देर रात तक काम करते हैं। वे कभी छुट्टी नहीं लेते, क्योंकि कारोबार करने की लागत और जीवनयापन की जरूरतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
मिश्रा ने कहा, हमारा मानना है कि वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे से भारत के लाखों छोटे दुकानदारों की आजीविका पर संकट आ जाएगा। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ऐसे गठजोड़ से गरीब खुदरा दुकानदारों के लिए कारोबार करने की लागत बढ़ जाएगी और उनकी रोजाना की आय पर व्यापक दुष्प्रभाव पड़ेगा। ऐसे वक्त में जबकि देश में बेरोजगारी की दर सर्वोच्च स्तर पर है और हमारे बच्चे और पारिवारिक सदस्य उचित रोजगार पाने में समर्थ नहीं हैं, यह सौदा हमें पूरी तरह बरबाद कर देगा। इसलिए हम केंद्र सरकार से इस सौदे को रद करने की अपील करते हैं।
एफआरएआई के सदस्य संगठनों में उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के 34 रिटेल एसोसिएशंस शामिल हैं। फेडरेशन देश में गरीब खुदरा दुकानदारों के हितों की रक्षा के लिए कार्यरत है और उनके रोजगार को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाता है तथा अपनी स्थिति को व्यक्त करने में अक्षम लोगों की सहायता करता है। फेडरेशन सरकार की उन नीतियों की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है, जो असंगठित खुदरा कारोबार क्षेत्र में रोजगार को सवंर्धित एवं संरक्षित करने में सहायक होती हैं और देश में कारोबार करने के लिए सुगम माहौल बनाती हैं।