चण्डीगढ़ सैक्टर-18 गवर्नमेंट प्रिंटिंग प्रेस में करीब 265 रेगुलर कर्मी है और 35 कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे है।
सरकार के आदेश पर 30 सितंबर को प्रिंटिंग प्रेस को बंद कर दिया गया। लेकिन उसमें काम कर रहे सभी कर्मचारी जो 300 के करीब हैं उन्हें कहीं भी शिफ्ट नहीं किया गया। जिससे वह काफी परेशानी में दिखे। उनका कहना है कि सरकार ने पे्रस को तो बंद कर दिया लेकिन काम करने वाले कर्मचारियों को कहीं भी शिफ्ट नहीं किया। अब वह क्या करे उन्हें समझ में नहीं आ रहा है।
साथ ही 24 स्टूडेंट्स ऐसे भी है जो वहां ट्रेनिंग ले रहे थे जो कि अचानक प्रेस के बंद हो जाने के कारण परेशान है क्योंकि उनकी ट्रेनिंग बीच में ही रूक गई है।
प्रशासन ने इस पर अभी तक चुप्पी बनाई हुई है। प्रशासन की इस लापरवाही की वहज से न सिर्फ प्रेस में काम कर रहे कर्मचारियों और ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट्स को दिक्कत हो रही है बल्कि प्रेस में कई काम पेंडिंग पड़े है। सैकटर-16 के हॉपिस्टल का करीब 65 लाख ओपीडी कार्डस् का काम बाकी है साथ ही रॉक गार्डन के टिकट प्रिंटिंग, कई स्कूलों के रिपोर्ट कार्ड प्रिंटिंग जैसे कई जरूरी काम अभी भी बाकी है।
जिससे लाखों रूपये का नुकसान हो सकता है।
वहीं प्रशासन ने अभी तक इस बात का भी जबाव नहीं दिया है की हाल में आई करोड़ो रूपये की नई मशीने और प्रिंटिंग के लिए आए करोड़ो रूपये के कागज का क्या होगा। जिसे निलाम किया जाएगा या फिर और किसी प्रेस में शिफ्ट किया जाएगा इसका अभी तक कोई इंतज़ाम नहीं किया गया है और यदि इस पर कोई उचित फैसला नहीं लिया गया तो करोड़ों रूपये का नुकसान हो सकता है।
वहां काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि यदि गवर्नमेंट प्रेस को बंद करना ही था तो प्रशासन को पहले उसमें काम कर कर्मचारियों को शिफ्ट करना चाहिए था और प्रेस में रखे सामान और पेंडिंग पड़े काम को खत्म करना चाहिए था ताकि किसी को कोई पेरशानी न हो।