डेराबस्सी के सरकारी हॉस्पिटल में देर रात डेढ़ बजे विजय तिवाड़ी अपने पांच साल के बच्चे शिवम को लेकर पहुंचे। बच्चे की हालत उल्टियां व दस्त लगने के कारण काफी खराब थी। डॉक्टर को बार-बार कहने पर भी वह बच्चे के इलाज के लिए नहीं आई। वहां मौजूद अन्य स्टाफ ने ही बच्चे की जांच की। बच्चे की हालत बिगड़ती चली गई लेकिन वहां मौजूद (एमबीबीएस) डॉक्टर हरलीन कौर ने ना तो बच्चे का इलाज किया और ना ही उसे अन्य किसी हॉपिस्टल में रेफर किया।
बच्चे के पिता अपने बच्चे को जबरन वहां से उठा कर सेक्टर-32 के हॉस्पिटल ले गए लेकिन हॉस्पिटल जाने तक बच्चे की मृत्यु हो चुकी थी।
स्वास्थ्य विभाग ने महिला डॉक्टर को किया सस्पेंड
स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी मिलने पर तुरंत लेडी डॉक्टर हरलीन कौर को सस्पेंड कर दिया। मृतक बच्चे के परिवार ने गुज़ारिश की कि इसके ऊपर सख्त कार्यवाही की जाए ताकि आगे से कोई डॉक्टर लापरवाही न बरते और किसी मासूम की जान न जाए।
बच्चे के पिता ने बताया कि जब वह बच्चे को हॉस्पिटल ले गए तो वहां मौजूद सीनियर डॉक्टर हरलीन कौर स्टाफ के कहने पर भी अपने कमरे से बाहर बच्चे की जांच के लिए नहीं आई। बच्चे के पिता के कहने पर उसने उन्हें डांट दिया और वहां से बाहर निकलने की धमकी दी। पिता ने बच्चे को सेक्टर-32 रेफर करने के लिए बार-बार विनती की लेकिन डॉक्टर ने उनकी ये बात भी नहीं मानी। मजबूरन वह अपने बच्चे को वहां से जबरदस्ती उठाकर सेक्टर-32 हॉस्पिटल ले गए जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।