चण्डीगढ़ नगर निगम की सदन की बैठक में पार्षदों ने खुब हंगामा मचाया। जिससे परेशान होकर कमिश्नर केके यादव बैठक को बीच में ही छोडक़र वहां से चले गए। कमिश्नर ने चण्डीगढ़ एडवाइज़र मनोज परिदा के पास पहुंचकर घटना की शिकायत की। कमिश्नर ने एडवाइज़र से शिकायत करते हुए कहा कि पार्षदों का रवैया बहुत खराब है, यदि ऐसे ही रहा तो वह शहर छोडक़र चले जाएगें।
क्यों गरमाया बैठक का माहौल?
बैठक में मौजूद अनिल दुबे ने कमिश्नर केके पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा कि अफसर सिर्फ एक बार आईएएस की परीक्षा देकर कुर्सी पा लेते है लेकिन उन्हें हर 5 साल बाद चुनाव की परीक्षा पास करनी पड़ती है। जिसपर कमिश्नर नाराज़ हो बैठक से चले गए, साथ ही और अफसरों ने भी बैठक का बहिष्कार कर दिया।
एडवाज़र ने मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद पार्षदों को दायरे में रहकर काम करने की सलाह दी। एडवाज़र ने पार्षदों को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि वह इसी तरह आपस में लड़ते रहेंगे तो इसका नुकसान आम जनता को उठाना पड़ेगा। जोकि सरासर गल्त होगा। आप जनता के सेवक है। इसलिए आपको जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखकर ही कार्य करना चाहिए।
एडवाज़र ने कहा की पार्षदों और अधिकारियों में एक दूसरे के प्रति