बीते दिन चण्डीगढ़ ऐडमिनिस्ट्रेटर मनोज कुमार परिदा द्वारा यूटी गेस्ट हाउस में आयोजित जन सुनवाई में प्रस्तावित ट्रिब्यून फ्लाईओवर के निर्माण का आम लोगों, पेशेवरों और आर्किटेक्ट ने विरोध किया।
यह जनसुनवाई पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर आयोजित की गई थी। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि लोगों की राय जानने के बाद ही इस मामले में रिपोर्ट दी जाए।
मास्टर प्लान के खिलाफ प्रोजेक्ट
लोगा ने कहा कि फ्लाईओवर की कोई जरूरत नहीं है। यह योजना शहर के मास्टर प्लान के भी खिलाफ है। मास्टर प्लान की पवित्रता का किसी भी कीमत पर उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसे गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था और उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। हमें मास्टर प्लान का पालन करना चाहिए।
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फ्लाईओवर चंडीगढ़ की एक स्तरीय अवधारणा को पूरी तरह से नष्ट कर देगा। इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई होगी। आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और शहर में हरियाली सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है।
वहां मौजूद अधिकतर लोगों का सुझाव था कि फ्लाईओवर के बजाय, हमें एक रिंग रोड का निर्माण करना चाहिए और यातायात नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए।
फ्लाईओवर का विरोध करने वालों ने विस्तृत तैयारी के साथ तर्कों को सलाहकार के सामने रखा जबकि समर्थन करने वालों ने केवल यह दावा किया कि फ्लाईओवर ट्रैफ़िक कम होगी। जनसुनवाई में करीब 70 लोगों ने अपने विचार रखे। करीब 10 आर्किटेक्ट्स ने प्रशासन द्वारा तैयार फ्लाईओवर प्रोजेक्ट की बजाय ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए दूसरे तरीके अपनानें की सलाह दी।