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स्कूल बसों में लगाई जाएगीं छात्रों के लिए सीट बेल्ट

चण्डीगढ़। मौजूदा सुरक्षित परिवहन नीति छात्रों (STRAPS) के लिए जल्द ही स्कूली बच्चों को बसों और ऑटोरिक्शा के संबंध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के मद्देनजर सुधार किया जाएगा।

जिसके अनुसार स्कूल बसों में बच्चों के सेफ्टी के लिए सीट बेल्ट लगाई जाएगी। साथ ही बसों में लगे सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की जाएगी। ३ दिनों के बैकअप के साथ वीडियो क्लिप रिकॉर्ड करने के लिए पर्याप्त मेमोरी वाले कैमरे स्थापित लगाए जाएगें।

इस संबंध में एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें राज्य परिवहन प्राधिकरण (STA) को नोडल अधिकारी और एसएसपी ट्रैफिक, निदेशक स्कूल शिक्षा (डीएसई) और पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरण (RLA) के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। उपायुक्त की अध्यक्षता में पहली बैठक 4 फरवरी को सभी स्कूल प्रमुखों और हितधारकों के साथ आयोजित की गई थी।

ऑटो पर लगे ज्यादा बच्चों को बैठाने पर प्रतिबंध

कोर्ट द्वारा निर्देश जारी किया है। जिसमें ऑटो ड्राइवर द्वारा ऑटो में 4 से अधिक स्कूल के बच्चों को बैठाने पर रोक लगा दी है। क्योंकि ऐसा काफी बार देखा गया है कि ऑटो रिक्शा वाले बच्चों की सेफ्टी किए बिना ही ऑटो में जरूरत से ज्यादा बच्चों को बैठाकर चलाते है। जिससे हादसा होने पर बच्चों के घायल होने के खतरा बना रहता है। इसीलिए स्कूल के बच्चों की सेफ्टी को देखते हुए अब से ऑटो में एक समय पर केवल 4 छात्रों को ही बैठाने की अनुमति है।

इसके अलावा, चंडीगढ़ के नागरिकों को चार से अधिक छात्रों को स्कूलों में ले जाने वाले किसी भी ऑटोरिक्शा की तस्वीरें लेने की अनुमति है और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए इस अदालत के रजिस्ट्रार जनरल को भेज सकते हैं।

 145 ऑटो का चालान किया गया

UT ट्रैफिक पुलिस ने स्कूली बच्चों सहित 145 ऑटोरिक्शा फेरी करने वालों का चालान किया है, जिनमें पंजीकृत क्षमता से अधिक स्कूली बच्चे हैं, जबकि 112 बसों का मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने पर चालान किया गया है। ये चालान 27 जनवरी से 12 फरवरी के बीच जारी किए गए थे।

मौजूदा नीति

  1. स्कूल बसों में फस्र्ट-एड बॉक्स और अग्निशामक यंत्र होना चाहिए।
  2. 3 दिनों के बैकअप के साथ वीडियो क्लिप रिकॉर्ड करने के लिए पर्याप्त मेमोरी वाले बस मालिक / ऑपरेटर द्वारा कैमरे स्थापित किए जाने चाहिए।
  3. कोई टिंटेड ग्लास या पर्दे नहीं लगाए जाने चाहिए। बच्चों की संख्या अनुमत क्षमता से 1.5 गुना से अधिक नहीं होगी।
  4. आपातकालीन द्वार अनिवार्य हैं।
  5. बसों पर स्कूल का नाम / लोगो लिखा होना चाहिए।
  6. ऑटोरिक्शा को4 स्कूली बच्चों को फेरी लगाने की अनुमति है।
  7. ऑटोस के दोनों किनारों को बच्चों की सुरक्षा के लिए क्षैतिज ग्रिल / बार / गेट के साथ लगाया जाना चाहिए।