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70 घंटे के नवजात ने की किडनी डोनेट, बना सबसे कम उम्र का अंगदाता

चण्डीगढ़। शहर के हॉस्पिटल पीजीआई में हर रोज न जाने कितने मरीज आते है और कितने ही अंग दान करने वाले अंग दाता भी आते है। लेकिन पहली बार पीजीआई में एक सबसे अनोखा केस सामने आया।

जिसमें सिर्फ 70 घंटे के बच्चे ने मृत्यु के बाद भी किसी दूसरे व्यक्ति की जान बचाकर उसे नया जीवनदान दे दिया। जिसके बाद वह पीजीआई का सबसे कम उम्र का अंगदाता बन गया।
दरअसल नवजात बच्चे के मस्तिष्क में खराबी थी जिससे उसकी मृत्यु हो गई। नवजात बच्चे के माता-पिता को जब पता चला की उनके बच्चे की मृत्यु हो गई है। तो उन्होंने फैसला लिया की वह बेशक अपने बच्चे को न बचा पाएं हो लेकिन वे अपने बच्चे की किडनी किसी दूसरे मरीज को दे देंगे ताकि उसकी जान बच सके।

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पटियाला से आए बच्चे के माता-पिता ने शिशु की मौत के बाद बहुत हिम्मत दिखाते हुए अपने बच्चे की किडनी को दान कर दिया। मृत नवजात शिशु के पिता ने कहा कि जो उनके साथ हुआ ऐसा किसी भी परिवार के साथ न हो। इसलिए उन्होंने आर्गन डोनेशन के लिए हां कहा, क्योंकि हम जानते थे कि यह किसी और की मदद कर सकता है।

उन्हें उस दिल के दर्द से गुजरने की जरूरत नहीं होगी जिससे वे गुजर रहे हैं। उन्हें पता था कि यह करना सही है। ताकि उनका बच्चा दूसरों के माध्यम से फिर से जी सके। ऐसा उन्होंने अपनी शांति के लिए किया है। जिसके बाद पीजीआई डॉक्टरों ने नवजात की किडनी को दूसरे मरीज में सफतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया।