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लैपटॉप चार्ज करते समय शार्ट सर्किट के कारण लगी आग

चण्डीगढ़। बीते दिन सेक्टर-32 में पीजी में दोपहर बार करीब 4 बजे अचानक भीषण आग लग गई। इस आग की चपेट में तीन मासूम लड़कियां बुरी तरह से झुलस गई, जिससे उनकी मौत हो गई।

आग पहली मंजिल में रहने वाली एक स्टूडेंट के कमरे में लगी। कालेज से लौटने के बाद आयुष्का नामक छात्रा ने अपने कमरे में लैपटॉप चार्जिंग पर लगाकर पीजी के बाहर आ गई। इस दौरान चार्जर में शार्ट सर्किट हो गया। इस कारण आग ने विकराल रूप ले लिया।

कुछ ही मिनटों में आग ने इतना फ़ैल गयी की पीजी में मौजूद लड़कियों को अपनी साथी लड़कियों की जान बचा पाने की कोशिश करने का भी मौका नहीं मिल पाया। जिस समय पीजी में आग लगी उस समय वहां करीब 25 लड़कियां मौजूद थी। जिनमें से 20 लड़कियां भागकर अपनी जान बचाने में सफल हो गई। लेकिन 5 लड़कियां आग की चपेट में बुरी तरह से फंस गई। उनमें से दो लडकियों ने पहली मंजिल से अपने पड़ोसी की छत पर कूदकर अपनी जान बचाई। लेकिन बाकी की 3 लडकियां चारों तरफ से आग व धुंए से घिर जाने के कारण वहां से जाने में कामयाब नहीं हो पाई आग की चपेट में आकर बुरी तरह से झुलस गई।

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तीनों मृतकों की पहचान हिसार की लक्ष्मी नगर निवासी मुस्कान (21) की आग में झुलसने जबकि कोटकपूरा (पंजाब) की निवासी पाक्षी ग्रोवर (20) और कपूरथला (पंजाब) निवासी रिया अरोड़ा (19) धुएं में दम घुटने से मौत हो गई।

दमकल विभाग ने आग पर काबू पाकर बाहर निकाले तीनों शव

पीजी में आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड तुरंत वहां पहुंच गई। और आग पर काबू पाने के लिए जुट गई। लेकिन जब तक दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया तब तक तीनों लडकियोंं की मौत हो चुकी थी। जिसके बाद उनके पोस्ट मार्टम के लिए उन्हें मोर्चरी में रखवा दिया गया है। पोस्ट मार्टम के बाद तीनों शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। ताकि उनका अंतिम संस्कार किया जा सके।

हादसे में मरी मृतकों के घरों में छाया मातम

हादसे का शिकार हुई मृतक मुस्कान का परिवार गुलाटी अस्पताल के पास रहता है। वे हिसार में एडवोकेट राजीव मेहता की बेटी हैं। वे चंडीगढ़ में एसडी कॉलेज में एमकॉम फर्स्ट इयर की स्टूडेंट थी। राजीव मेहता ने बताया कि हादसे के दौरान ही बेटी मुस्कान ने उन्हें कॉल की थी। वो कह रही थी पापा हम लपटों में फंस गए हैं। कुछ ही सेकंड में उसकी कॉल कट गई। हादसे की सूचना के बाद परिवार में मातम छा गया है।

वहीं आग की चपेट में आकर धुंए में दम घुटने से मरी दूसरी मृतका रिया का सपना विदेश जाने का था। 31 जनवरी को रिया का 18वां जन्मदिन था। कपूरथला के ग्रोवर कालोनी के रहने वाली रिया के छोटे मामा राजेश अरोड़ा और उसके चचेरे भाई सुशांत अरोड़ा (सन्नी) ने बताया कि उन्हें शाम सात बजे रिया की मां का प्राग (चेक गणराज्य) से फोन आया कि रिया की झुलसने से मौत हो गई है। वह कपूरथला के आनंद पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं पास करने के बाद फ्रेंच भाषा सीखने चंडीगढ़ आई थीं। रिया के पिता संदीप कुमार का पांच साल पहले स्वर्गवास हो गया था। बड़ी बहन प्रिया अरोड़ा लंदन में रहती हैं। फ्रेंच सीखने के बाद रिया भी अपनी मां के पास प्राग जाना था। बड़े मामा राकेश कुमार ने बताया कि अगस्त 2019 को रिया का इंग्लैंड का वीजा लगा था। उसे बहुत जोर लगाया कि वह अपनी बहन के पास इंग्लैंड चली जाए लेकिन उसने इंग्लैंड न जाकर कनाडा जाने की जिद कर ली। इसी जिद ने उसे चंडीगढ़ में फ्रेंच सीखने के लिए पहुंचा दिया। बेटी की मौत की सूचना पाकर मां कांता रानी भी प्राग से भारत आ रही हैं।

हादसे का शिकार हुई कोटकपूरा शहर के प्रमुख कारोबारी नवदीप ग्रोवर की बेटी पाक्षी ग्रोवर (18) की भी दर्दनाक मौत हो गई। पाक्षी ने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 97.6 प्रतिशत अंक के साथ डीएवी स्कूल में टॉप किया था। पाक्षी ग्रोवर का इकलौता बड़ा भाई स्टडी बेस पर कनाडा गया हुआ है। वह भी अपने बड़े भाई की तरह कनाडा जाना चाहती थी और इसी मंशा से उसने चंडीगढ़ के एसडी कॉलेज में BBA में दाखिला लिया था। बताया जा रहा है कि वह चंडीगढ़ के एक कैनेडियन संस्थान में कोचिंग भी कर रही थी।

अवैध रूप से बनाए पीजी में नहीं था निकलने का दूसरा कोई रास्ता

कोठी में चलाए जा रहे पीजी के टॉप फ्लोर पर फर्जी तरीके से टीनशेड लगाकर छोटे-छोटे कमरे बनाए गए हैं। पीजी से निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता है। छोटे से जगह में 10 से 12 कमरे बनाए गए हैं, जिनमें 34 छात्राएं रहती थीं। पीजी की पिछली तरफ की टीन शेड पूरी तरह जलकर खाक हो गया।

इस कोठी नंबर 3325 में पिछले डेढ़ साल से अवैध रूप से गर्ल्स पीजी चलाया जा रहा था। इस पीजी में करीब 30 से ज्यादा कमरे हैं। इलाके के लोगों ने बताया कि अगस्त 2018 से अवैध तरीके से पीजी का संचालन किया जा रहा था। पीजी में 34 छात्राएं रहती हैं।

आसपास रहने वाले पड़ोसियों ने कई बार पीजी को बदं करवाने के लिए शिकायत भी की थी। लेकिन इसके कोई खास कारज़्वाई नहीं की गई थी।